भारतीय रेलवे ने रेल यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 7 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों (Passenger Trains) को मेल और एक्सप्रेस (Express Train) बनाकर चलाने का फैसला किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेल यात्रियों को एक्सप्रेस और मेल बनकर चलने वाली इन ट्रेनों में सफर के लिए दोगुना किराया देना पड़ सकता है. रेलवे (Railway) ने यात्रियों की सुविधा के लिए इन ट्रेनों को कई चरण में चलाने का फैसला किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल ही में दिल्ली से 7 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन को मेल-एक्सप्रेस के रूप में चलाने का ऐलान किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 22 फरवरी 2021 से इन ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन ट्रेनों के ठहराव के स्टेशन में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है.
पहले की ही तरह होगी ट्रेनों की स्पीड
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन ट्रेनों की गति भी पहले की ही तरह रहेगी. इन ट्रेनों में कोई भी नई सुविधा को नहीं जोड़ा गया है. गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) से पहले दिल्ली से करीब 180 से अधिक पैसेंजर ट्रेनों का संचालन विभिन्न रूट पर होता था. रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, पलवल, अलीगढ़, मेरठ, शामली और रोहतक समेत दिल्ली-एनसीआर के कई रूट पर इन ट्रेनों का संचालन किया जाता था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे बोर्ड ने व्यस्त रूटों पर उत्तर रेलवे को कुछ ट्रेनों को चलाने के लिए अनुमति दी हुई है.
होली के मौके पर यूपी और बिहार के लिए हो सकता है स्पेशल ट्रेनों का ऐलान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक होली के मौके पर भारतीय रेलवे के द्वारा बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए कुछ स्पेशल ट्रेनें चलाने का ऐलान कर सकती है. बता दें कि भारतीय रेल का पश्चिम बंगाल के विकास के लिए एक और अध्याय जुड़ गया है. पूर्वी रेलवे का शतप्रतिशत विद्युतीकरण संपन्न हो गया है, जिससे ट्रेनों की गति बढने के साथ ही कार्बन फुटप्रिंट भी कम हो रहा है. वहीं पश्चिम बंगाल में यात्रियों के लिए सुरक्षित,आसान और सुविधाजनक आवागमन हेतु 7 स्टेशनों पर फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया गया है.