आज जन अधिकार पार्टी प्रमुख पप्पू यादव ने रोजगार के मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष दोनों पक्षों को घेरा. सोशल मीडिया पर चल रहे “बेरोजगारी दिवस” के ट्रेंड पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पिछले तीस वर्षों से राज्य में इन्हीं लोगों की सरकारें हैं. आज जब चुनाव नजदीक आया तो विपक्ष को बेरोजगारी याद आ गयी लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि रोजगार भी जमीनी काम से मिलता है. ट्विटर पर हवा-हवाई ट्रेंड चलाने से रोजगार नहीं पैदा होता. पटना स्थित पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मलेन में बात करते हुए रोजगार के लिए अपनी पार्टी की योजना पर भी उन्होंने प्रकाश डाला.
पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि अगर हमारी सरकार आई तो बिहार के बेटे-बेटियों को रोजगार मुहैय्या करवाना हमारी पहली प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने पर साल भर में बेटियों को और दो साल में बेटों को मैं रोजगार दिलाऊंगा और अगर नहीं दिलवा पाया तो राजनीती से सन्यास ले लूंगा. इंटरमीडिएट से एमए तक शिक्षा प्राप्त बेटियों को रोजगार दिलवाना उनकी पार्टी का पहला कदम होगा. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी जी को बधाई 15 करोड़ लोगों को बेरोजगार बनाने के लिए और नितीश कुमार तो रोजगार सहित हर सेक्टर में नाकाम है. नितीश सरकार के बारे में उन्होंने कहा कि ये सरकार सबसे ज्यादा शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले पर नाकाम रही है.
पप्पू यादव ने आगे जोड़ा कि गलत नीतियों के कारण लोग अब आत्महत्या पर मजबूर हो चले हैं. बिहार के 65 प्रतिशत युवा जो बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं और किसान आर्थिक मुश्किलों की वजह से आत्महत्या की सी स्थिति में आ गए हैं. नयी शिक्षा नीति के बारे में उन्होंने कहा कि ये हिंदुस्तान के 90 प्रतिशत बच्चों को शिक्षा से महरूम कर देगी. केवट, बढई, नाई, धोबी जैसी अनेकों पिछड़ी जातियों के बच्चे ही आज सरकारी स्कूलों में जाते हैं. शिक्षा और दूसरे कई क्षेत्रों में निजीकरण का नुकसान पिछड़े और वंचित वर्गों को सबसे ज्यादा होगा. पप्पू यादव ने कहा कि उनकी सरकार आई तो इसे किसी भी हाल में लागू नहीं होने दिया जायेगा.
अपनी पार्टी के नए चुनाव चिन्ह “कैंची” पर ध्यान दिलाते हुए पप्पू यादव ने कहा कि यह कैंची डॉक्टर के हाथ में है तो माओं-बहनों के हाथ में भी और दर्जी-मजदूरों के हाथ में भी है. ये कैंची इस बार चुनावों में जुमलेबाजों की जबान भी काटेगी और अपराधी-माफिया तत्वों के पर भी कतरेगी. भ्रष्ट लोगों की भरी हुई जेबों को भी इसी कैंची से जनता कुतर डालेगी.