बिहार के पहले ऐसे नेता हैं पप्पू यादव । जो पार्टी पॉलिटिक्स से उपर उठकर सभी के हितों की सोचते हैं । कोरोना काल में भी जब सारे नेता अपने-अपने घरों में घुसे हुए हैं । पप्पू यादव इस कोरोना काल में भी लोगों के बीच जाकर उनका सुख-दुख बांट रहे हैं । ताजा जो वाकया हुआ उसने पप्पू यादव की गरीमा को और बढ़ा दिया है ।
बेतिया विधानसभा के बीजेपी मंडल अध्यक्ष कन्हैया गुप्ता की कोरोना संक्रमण की वजह से शनिवार को मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर कन्हैया की मौत का जिम्मेदार ठहराया है. परिजनों का आरोप है कि बेतिया मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तैनात डिप्टी सुपरिटेंडेंट श्रीकांत दुबे इलाज के बदले 50,000 रुपये की मांग कर रहे थे, जिसे हम देने में असमर्थ थे.
बता दें कि कन्हैया के परिजनों ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल से मुलाकात कर कन्हैया गुप्ता के स्वास्थ्य से अवगत भी कराया. परिजनों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को बताया था कि उनका इलाज अस्पताल में अच्छे से नहीं हो रहा है. अस्पताल में पदस्थापित डिप्टी सुपरिटेंडेंट श्रीकांत दुबे इलाज के बदले पचास हजार रुपये की मांग कर रहा है. परिजनों ने बताया कि पैसा जमा कराने के बाद ही मृतक को ऑक्सीजन की सुविधा दी जाती. ऐसे में ऑक्सीजन के अभाव में बीजेपी मंडल अध्यक्ष की मौत हो गई.
इस पूरे मामले में अस्पताल के प्राचार्य डॉ. विनोद प्रसाद ने बताया कि ‘घटना के वक्त वे खुद आइसोलेशन वार्ड में मौजूद थे. बीजेपी नेता को बेचैनी थी. वे बार-बार ऑक्सीजन का पाइप निकाल दे रहे थे. इसी बीच कुछ समर्थक वहां पहुंच गए और हंगामा करने लगे. समर्थकों ने जूनियर डॉक्टरों के साथ धक्का-मुक्की भी की. जिसके बाद वहां पुलिस पहुंची और लोगों को समझा- बुझाकर वहां से हटाया गया. इसके एक घंटे बाद बीजेपी नेता की मौत हो गई.”
हालांकि इस मुद्दे पर जब बीजेपी नेताओं से बात करने की कोशिश की गई तो वे कुछ भी कहने से बचते नजर आएं. बता दें कि बीजेपी मंडल अध्यक्ष की मौत के बाद जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव शोकाकुल परिवार से मिलने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सरकार पर जमकर हमला बोला. पप्पू ने पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी की. इतना ही नहीं उन्होंने मृतक बीजेपी नेता की बेटी की शादी के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक मदद का भी ऐलान किया.