कोरोना का कहर पूरे देश में फैला हुआ है । आए दिन दवा और ऑक्सीजन के अभाव में लोग दम तोड़ रहे हैं । ऑक्सीजन सिलेंडर की इतनी मारामारी है कि मरीज को खुद ऑक्सीजन लेकर अस्पताल में जाना पड़ रहा है । लोग एक-एक सिलेंडर के लिए परेशान दिख रहे हैं। मदद के लिए सोशल मीडिया तक का सहारा ले रहे हैं रहा है। कुछ को मिला तो कई को नहीं… लेकिन पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में 36 ब्रांड न्यू सिलेंडर अस्पताल परिसर के कचरे में फेंके मिले है।
ये सभी 36 नए ऑक्सीजन सिलेंडर सिविल सर्जन और बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यालय के बीचों बीच फेंके गए। इस बाबत जब पटना के सिविल सर्जन से सवाल किया गया तब उन्होंने हकीकत छुपाने की पुरजोर कोशिश की। कभी उन्होंने कहा कि यह यूज किए हुए सिलेंडर हैं तो कभी उन्होंने कहा जगह की कमी के कारण स्टोर रूम के बाहर रखा गया है। इतना ही नहीं उन्होंने तो यह भी कह डाला कि इसे इमरजेंसी के लिए रखे गए हैं।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि इस महामारी के समय ऑक्सीजन की पूर्ति करवाई जा सके। ऐसे में राजधानी पटना के सिविल सर्जन के कार्यालय परिसर में ब्रांड न्यू ऑक्सीजन सिलेंडर फेंका होना घोर लापरवाही से कम नहीं। हालांकि जब इस लापरवाही को न्यूज़ 18 ने सबके सामने लाया तब आनन-फानन में सभी सिलेंडर को हटा दिया गया।
जाप नेता पप्पू यादव ने अपने सोशल मीडिया पेज पर इसका वीडियो डालकर खुलासा किया है । उन्होनें कहा कि जहां एक-एक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लोग तड़प-तड़प कर जान दे रहे हैं, वहां यह हाल है। इसके लिए किस पर मुकदमा होना चाहिए?