
होली खत्म हो गई है. लोगों पर अभी भी खुमारी चढ़ी हुई है. शहर की मैक्सिमम दुकानें बंद हैं. इक्के-दुक्के दुकानें ही खुली हुई हैं. लेकिन सियासत तेज है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर तीखा हमला किया है. मंगलवार को ट्वीट कर उन्होंने रोजगार और सीएजी रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री को निशाने पर लिया है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है- ‘बिहार में शिक्षण के 56% और गैर-शिक्षण के 70% पद खाली हैं. योजना मद का आधा हिस्सा खर्च होता है, बाकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता है. कागजों में बजटीय राशि खर्च करने के लिए मार्च महीने में सबसे बड़ी लूट होती है. 8-10 वर्षों से सभी विभागों के हजारों-लाखों करोड़ के उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किए गए है, क्योंकि विभागों के पास कोई लेखा-जोखा ही नहीं है कि कौन-सी राशि किस मद में खर्च की गयी है. भारी लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला है.
तेजस्वी यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल दागते हुए कहा- ‘सीएम बताएं कि 8-10 वर्ष बाद भी प्रशासन और उनके विभाग उपयोगिता प्रमाण पत्र क्यों नहीं जमा कर पाए है. अगर सब कुछ पारदर्शी और सही है तो फिर 10-10 वर्षों की देरी क्यों? बिहार में भारी लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. ब्लॉक से लेकर सचिवालय तक भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं. हर विभाग के अनुमानित बजट और वास्तविक व्यय में भारी अंतर होता है. यह मैं नहीं सीएजी की हर वर्ष की रिपोर्ट कहती है. समय लगे तो मुख्यमंत्री को विगत 10 वर्षों की सीएजी रिपोर्ट स्वयं से पढ़नी चाहिए. क्या मुख्यमंत्री जी नैतिकता और कर्तव्य बोध की तिलांजलि देकर जनता का पैसा लूटने और लूटवाने के लिए गद्दी पर बैठे हैं?’