प्रवासी मजदूरों की घर वापसी से बिहार में होने जा रहा चुनाव में बहुत फायदा है, यह खबर सामने आ रही कि इस साल होने वाले चुनाव में प्रवासी मजदूरों के घर वापसी से 30 हजार से अधिक होगी वोटरों की संख्या।
इनमें प्रवासी श्रमिकों के कारण 30 हजार और करीब दस हजार अलग से वोटर जुड़ सकते हैं। पटना जिले के कोरेंटिन सेंटरों के माध्यम से अब तक 30 हजार प्रवासी श्रमिकों को निबंधित किया जा चुका है। इसके कारण यह संभावना है कि आने वाले विधानसभा में इतने प्रवासी श्रमिक मतदाता बन जायेंगे। हालांकि, यह भी खबर सामने आ रही कि अभी मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया नहीं चल रही है। संभावना है कि 15 जून के बाद से मतदाता सूची में नाम जोड़ने की कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
इस दौरान कैंप के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने की कार्रवाई की जायेगी, निर्वाचन विभाग से मतदाता सूची के पुनरीक्षण प्रकाशन को लेकर आदेश आते ही पटना जिले में मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। फरवरी 2020 की प्रकाशित मतदाता सूची में पुरुष व महिला वोटरों की संख्या जहां बढ़ी है. वहीं, थर्ड जेंडर के वोटरों की संख्या घटी है। 2019 में जहां थर्ड जेंडर वोटर की संख्या 177 थी, वहीं 2020 में 163 है। खास बात यह है कि लिंग अनुपात भी बढ़ा है, 2019 में जहां 902 था, वहीं 2020 में 905 है। इसके साथ ही निर्वाचक जनसंख्या अनुपात करीब 60 फीसदी है।वर्तमान निर्वाचकों की सूची सीइओ (चीफ इलेक्ट्रॉल ऑफिसर) बिहार के वेबसाइट पर उपलब्ध है। वोटर वेबसाइट पर भी अपना नाम देख सकते हैं।