लगातार हो रही बारिश की वजह से उत्तर बिहार में बाढ़ का दायरा लगातार बढ़ते जा रहा है। कई नदियां लगातार खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं लेकिन अब गंगा नदी भी उफान पर आ गई है। पटना में गंगा का जलस्तर खतरनाक तरीके से बढ़ा है। बक्सर से लेकर कहलगांव तक गंगा के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटे के दौरान पटना में गंगा नदी 2.67 मीटर ऊपर चढ़ी है जबकि मुंगेर में 1.16 मीटर पानी का जलस्तर बढ़ा है। भागलपुर में वृद्धि 1.10 मीटर है। राहत की बात यह है कि पटना के दीघा घाट पर अभी भी गंगा खतरे के निशान से 86 सेंटीमीटर नीचे बढ़ रही है।
सूबे के अन्य नदियों की बात करें तो गंडक नदी गोपालगंज के साथ-साथ मुजफ्फरपुर और वैशाली में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। कोसी नदी वीरपुर में खतरे के निशान से 43 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है जबकि सहरसा में यह खतरे के निशान से 9 सेंटीमीटर ऊपर है। उधर महानंदा पूर्णिया और कटिहार में लगातार उफान पर है जबकि कमला बलान जयनगर और परमान नदी अररिया में लगातार ऊपर जा रही है। चंपारण के इलाके में भी बाढ़ का असर और ज्यादा देखने को मिल रहा है। पश्चिम चंपारण के 13 प्रखंडों में डेढ़ लाख के आसपास आबादी बाढ़ से प्रभावित है। हैरत की बात यह है कि चंपारण से लेकर सारण तक के के इलाके में कई प्रखंड जल मग्न हैं लेकिन सरकार की नजर में यहां बाढ़ की स्थिति नहीं है। बाढ़ की परिभाषा तय करने के लिए सरकार ने जो नियम बनाए हैं उसके मुताबिक अगर किसी इलाके में 72 घंटे तक पानी टिक जाता है तभी वह इलाका बाढ़ प्रभावित माना जाता है। गोपालगंज जिले में 6 प्रखंडों के अंदर बाढ़ की स्थिति है। जबकी सारण में तीन प्रखंड ऐसे हैं जहां घरों के अंदर पानी घुस चुका है।
उधर मौसम विभाग में जो ताजा जानकारी साझा की है उसके मुताबिक फिलहाल अभी राज्य में लोगों को बारिश से निजात नहीं मिलने वाली। मौसम विभाग के मुताबिक पटना, गया, नालंदा, मुजफ्फरपुर समेत बिहार के 27 जिलों में आज भी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी। मौसम विभाग में उत्तर पश्चिम बिहार के 11 जिलों में 25 मिलीमीटर से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। कई इलाकों में वज्रपात भी चेतावनी दी गई है। रविवार को पटना में दिनभर बारिश होती रही। पटना में रविवार को 45 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।