राज्य में आने वाले दिनों में नालों की सफाई रोबोट करेगा। यह व्यवस्था राजधानी पटना समेत सभी शहरों के पुराने बंद नालों के लिए होगी। देश के कई प्रमुख शहरों में यह प्रयोग शुरू किया गया है। अब बिहार में भी इसे अमल में लाने की तैयारी है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने संबंधित कंपनी को प्रजेंटेशन के लिए आमंत्रित किया है।
देश में बेंगलूरू, मुंबई, केरल सहित कई निकायों में बंद और बड़े नालों की सफाई रोबोट की मदद से की जा रही है। वहीं दिल्ली भी रोबोट के जरिए नाला सफाई के विकल्प पर विचार कर रहा है। अब बिहार ने भी इस प्रयोग को अपनाने का निर्णय लिया है। नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा बीते दिनों बेंगलूरू गए थे। वहां उन्होंने रोबोट की मदद से नाला सफाई को देखा। उन्होंने वहां के अधिकारियों से भी इस संबंध में जानकारी हासिल की। अब उस कंपनी को यहां आमंत्रित किया गया है। इस व्यवस्था के तहत रोबोट को नाले में उतार दिया जाता है। पाइप के जरिए वह गंदगी को खींच लेता है।
नाला उड़ाही न होने से हुआ था जलजमाव
दरअसल पटना में ही बोरिंग कैनाल रोड, नाला रोड, आशियाना सहित कई बड़े नाले हैं, जो बंद हैं। हाल ही में पटना में अभूतपूर्व जलजमाव हुआ था। तब भी जलनिकासी नहीं हो पाई थी। इस कारण पानी घरों में घुस गया था। नाला उड़ाही ठीक ढंग से नहीं हो पाने के चलते यह हालात बने थे।
जानमाल की नहीं होगी क्षति
रोबोट के जरिए नाला सफाई से जानमाल की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी। न्यायालय के अलावा राष्ट्रीय सफाई आयोग सहित विभिन्न मानवाधिकार संगठन सीवर और बंद नालों की सफाई मजदूरों के जरिए न कराने की बात कहते रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक बीते पांच सालों में नाला और सीवर सफाई के दौरान करीब 1870 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।