पुलिस मुख्यालय ने बिहार में लॉकडाउन को पूरी तरह से प्रभावी बनाने के लिए मंगलवार से सभी अंतरराष्ट्रीय और राज्यों की सीमाओं से प्रवेश पूर्णतया प्रतिबंधित करने का आदेश जारी कर दिया है। नेपाल, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड को जोड़ने वाले सभी रास्तों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। पुलिस अब एक जिले से दूसरे जिले में भी नहीं आने-जाने देगी। आपातकालीन सेवाओं, राशन, किराना, फल, सब्जी और दवाई के अलावा लॉकडाउन से मुक्त सेवाओं को छोड़कर किसी भी प्रकार के वाहन और लोगों की आवाजाही पर पूर्णतया रोक लगा दी गई है। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि पुलिस को आदेश दिया गया है कि नेपाल, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड को जोड़ने वाले संपर्क मार्गो पर भी कड़ी चौकसी रखी जाए। ऐसा न हो कि प्रमुख मार्गो पर पहरा देखकर लोग अन्य छोटे संपर्क मार्ग के जरिए आवाजाही शुरू कर दें।
मदद को फोन कर रहे लोगों से फीडबैक भी लें
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को दिल्ली के बिहार भवन में बने नियंत्रण कक्ष के कार्य की समीक्षा की। इस कक्ष में लॉकडाउन की वजह से विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी बिहारियों से मिल रही सूचना के आधार पर उनकी मदद की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर रहे हैं, उनसे फीडबैक भी लिया जाए। मुख्यमंत्री ने मुख्यसचिव को यह निर्देश दिया कि ऐसे लोगों से फोन कर दोबारा उपलब्ध सुविधाओं के बारे में पूरी बात की जाए। उनके फीडबैक पर त्वरित कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग बाहर से बिहार आ गए हैं, उन्हें स्क्रीनिंग, भोजन और आवासन की व्यवस्था के साथ-साथ मेडिकल सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएं। इस क्रम में निर्धारित प्रोटोकाल का पालन किया जाए। समीक्षा बैठक के दौरान बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) को लेकर अभी से ही पूरी तैयारी रखी जाए।