अगले महीने राजधानी को जाम की समस्या से निजात मिल सकती है। अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक महात्मा गांधी सेतु का पश्चिमी लेन शुरू हो सकता है। अभी इस सेतु की मरम्मत चल रही है। स्टील का काम पूरा हो चुका है। पुल पर रखे गए स्पैन पर कालीकरण यानी अलकतरा चढ़ाने का काम चल रहा है। पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि अप्रैल के प्रथम सप्ताह से गांधी सेतु के पश्चिमी लेन से गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो जाए।
गांधी सेतु की मरम्मत का निर्णय साल 2014 में मोदी सरकार ने लिया था। 1383 करोड़ की इस परियोजना को साल 2018 तक ही पूरा करने का लक्ष्य तय हुआ। मुंबई की एजेंसी एफ्कॉस ने सेतु के सुपर स्ट्रक्चर बदलने की कार्रवाई शुरू की। पहले पुराने स्ट्रक्चर तोड़े जाने लगे। इसमें लंबा समय लगा। जब पिलर बनाए जाने लगे तो गंगा के पानी में वह काम भी मुश्किल भरा रहा। सेतु की मरम्मत की समय सीमा लगातार बढ़ती रही। अभी जेपी सेतु पर भारी गाड़ियों के जाने पर मनाही है। गांधी सेतु के शुरू होने से यह समस्या समाप्त हो जाएगी।
जल्द ही नए रंग-रूप में दिखेगी गांधी सेतु : लोहे के नवनिर्मित गांधी सेतु पर अगले माह से 22-24 चक्के वाले ट्रक भी दौड़ेंगे। साथ ही सभी तरह के मालवाहक वाहन और बसें आसानी से पार होंगी। पथ निर्माण विभाग के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि सेतु के पश्चिमी लेन के सभी 44 स्पैन तैयार हो गए हैं। 30 स्पैन की सतह पर सीमेंटेड ढलाई भी हो गई है।
सोमवार से इस लेन में अलकतरा बिछाने का काम भी शुरू हो गया। बिहार की इस लाइफलाइन की निर्माण एजेंसी एफ्कॉन्स और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी अप्रैल से इसे चालू करने के लिए पूरी काेशिश कर रहे हैं। मालूम हो कि दीघा सेतु पर बड़े मालवाहक वाहनों के चढ़ने पर रोक से निर्माण सामग्रियों को गंगा पार कराने में परेशानी हो रही है। पश्चिमी लेन को चालू कर देने के बाद पूर्वी लेन को तोड़ने का काम शुरू होगा।
वर्ष 2021 के अन्त तक पूर्वी लेन पर गर्डर बिछा देने की योजना है। यानी वर्ष 2022 में जर्जर गांधी सेतु का पूर्वी लेन भी बन कर तैयार हो जाएगा। वर्ष 2025 तक एफकॉन्स ही इस नवनिर्मित सेतु का मेन्टेनेंस करेगा। गांधी सेतु को वर्ष 1982 में बनाने पर 87 करोड़ लगे थे और अब सुपर स्ट्रक्चर को बदलने पर 1372 करोड़ खर्च हो रहे हैं। अभी 6 चक्के वाला ट्रक समेत अन्य गाड़ियां पूर्वी लेन से आ-जा रहीं हैं। 6 चक्के से ऊपर के भारी वाहनों के चलने पर पाबंदी है।