बिहार सरकार ने सुबह के साढे तीन लाख नियोजित शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली लागू किया है। सरकार की तरफ से बताया जा रहा कि नई सेवा शर्त नियमावली में नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों के लिए कई सुविधाएं दी गई हैं। उनकी वेतन बढ़ोतरी से लेकर प्रमोशन,ट्रांसफर और ईपीएफ की सुविधा दी गई है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में 21 अगस्त 2020 को ही अधिसूचना जारी कर दी है।लेकिन बिहार के शिक्षक नई सेवा सेवा शर्त नियमावली से खुश नहीं हैं। नई अधिसूचना में बिहार के नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त नियमावली 2020 के तहत कई तरह की नई व्यवस्था लागू की गई है। इसमें अब ईपीएफ योजना से आच्छादित करने का निर्णय हुआ है। मासिक वेतन ₹15000 प्रतिमाह की राशि पर राज्य सरकार द्वारा अंशदान की राशि दी जाएगी। बिहार सरकार 15000 प्रति माह के वेतन की राशि पर 13 फ़ीसदी अंशदान करेगी।
नई सेवा शर्त नियमावली में शिक्षकों को कई तरह का नुकसान भी उठाना पड़ेगा। इस वजह से शिक्षक नई सेवा शर्त नियमावली का विरोध कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि अबतक शिक्षक, पुस्तकालय अध्यक्ष की सेवाकाल में मृत्यु के बाद उनके निकट आश्रित को अनुग्रह अनुदान की राशि देने का प्रावधान है। इसलिए सेवाकाल में मृत्यु होने के बाद उनके निकट आश्रित को ₹400000 अनुग्रह राशि दिया जाता था। लेकिन अब इपीएफ एक्ट 1952 से आच्छादित होने वाले शिक्षक, पुस्तकालय अध्यक्ष को इससे अलग करने का निर्णय लिया गया है। यानी कि सेवा काल में शिक्षकों की मृत्यु पर अब आश्रित को 4 लाख रु से वंचित होना पड़ेगा। उक्त निर्णय पर बिहार कैबिनेट ने 18 अगस्त 2020 की बैठक में स्वीकृति दी थी।