13 सितंबर 2020, इतिहास की तारीख का वो दिन, जिस दिन लोकतंत्र की जननी बिहार के वैशाली क्षेत्र से आने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने दुनिया को अलविदा कह दिया। जीवन के आखिरी समय में इस दुनिया को अलविदा कहने से महज तीन दिन पहले 10 सितंबर को रघुवंश बाबू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई पन्नों का पत्र लिखा और उन्होंने अपनी आखिरी इच्छाएं व्यक्त की। जीवन के आखिरी पड़ाव पर रघुवंश बाबू का सबसे बड़ा सपना ये रहा कि बिहार की राजगद्दी पर बैठने वाला व्यक्ति वर्धमान महावीर की जन्मस्थली, गौतम बुद्ध की कर्मस्थली और लोकतंत्र की जननी वैशाली में गणतंत्र दिवस के दिन झंडोतोलन करे।
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लगभग एक साल बाद बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रघुवंश बाबू के अंतिम इच्छाओं का उद्धरण किया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बड़ी मांग की। बिहार विधानसभा के पूर्व सदस्य रहे देवदत्त प्रसाद की 10वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने गोपालगंज के बैकुंठपुर जा रहे तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार से तीन बड़ी मांग की। जिसमें सबसे बड़ी मांग ये है कि नीतीश कुमार दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के सपने को पूरा करे।
दरअसल दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने मरने से पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लिखे पत्र लिखा था और कहा था कि 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री वैशाली में झंडा फहराएं। नीतीश को लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि “वैशाली जनतंत्र की जननी है। विश्व का प्रथम गणतंत्र है, लेकिन इसके लिए सरकार ने कुछ नहीं किया है। इसलिए मेरा आग्रह है कि झारखंड राज्य बनने से पहले 15 अगस्त को मुख्यमंत्री पटना में और 26 जनवरी को रांची में राष्ट्रध्वज फहराते थे। इसी प्रकार 26 जनवरी को पटना में राज्यपाल और मुख्यमंत्री रांची में राष्ट्रध्वज फहराते थे। उसी तरह 15 अगस्त को मुख्यमंत्री पटना में और राज्यपाल विश्व के प्रथम गणतंत्र वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराने का फैसला कर इतिहास की रचना करें। इसी प्रकार 26 जनवरी को राज्यपाल पटना में और मुख्यमंत्री वैशाली गढ़ के मैदान में राष्ट्रध्वज फहराएं। आप 26 जनवरी, 2021 को वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराएं। इस आशय की सारी औपचारिकताएं पूरी हैं। फाइल मंत्रिमंडल सचिवालय में लंबित है।”
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तेजस्वी यादव ने रघुवंश बाबू के सारे सपनों को पूरा करने के साथ-साथ दो और बड़ी मांग की। तेजस्वी ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवन और रघुवंश प्रसाद सिंह की पहली बरसी आ रही है। बिहार और राष्ट्र की राजनीति में अमिट छाप छोड़ने वाले इन दोनों नेताओं की प्रतिमा बिहार में स्थापित होनी चाहिए। साथ ही एक और मांग ये है कि इनकी पुण्यतिथि या जयंती पर राजकीय समारोह का आयोजन राज्य सरकार की ओर से होना चाहिए।
गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महान समाजवादी नेता रधुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की थी और उन्होंने कहा था कि उनके जाने से बिहार और देश की राजनीति में शून्य पैदा हो गया है। उन्होंने जमीन से जुड़ी राजनीति की। वे गरीबी को करीब से जाननेवाले नेता थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह करता हूं कि पिछले तीन-चार दिनों में अपने पत्र में रघुवंश बाबू ने वैशाली के बारे में जो भी चिंता व्यक्त की उसे सबलोग मिलकर पूरा करने का हरसंभव प्रयास करें। उन्होंने कहा था कि इन दिनों रघुवंश बाबू के भीतर कुछ बातों को लेकर मंथन चल रहा था।