5 अगस्त की तारीख पूरे देश के लिए यादगार बन गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में जब राम मंदिर की आधारशिला रखी तो यह अपने आप में एक ऐतिहासिक क्षण था। तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं और राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस मौके पर अपनी-अपनी तरफ से बधाई संदेश दिया। बीजेपी से लेकर कांग्रेस या फिर आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्रियों ने भी इस अवसर सबको बधाई दी लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से राम मंदिर भूमि पूजन पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बीजेपी शासित राज्यों के तमाम मुख्यमंत्री ने उन्हें राम मंदिर भूमि पूजन पर अपनी तरफ से बधाई संदेश दिया। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी राम मंदिर पर बधाई संदेश देते हुए जय श्री राम और जय बजरंगबली का उद्घोष भी किया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने बधाई संदेश में कहा कि राम मंदिर के निर्माण से ना केवल देश बल्कि दुनिया में भगवान राम की नीतियों का प्रचार प्रसार बढ़ेगा।
भूमि पूजन के मौक़े पर पूरे देश को बधाई
भगवान राम का आशीर्वाद हम पर बना रहे। उनके आशीर्वाद से हमारे देश को भुखमरी, अशिक्षा और ग़रीबी से मुक्ति मिले और भारत दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बने। आने वाले समय में भारत दुनिया को दिशा दे।
जय श्री राम! जय बजरंग बली!
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 5, 2020
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राम मंदिर को लेकर कोई सीधा ट्वीट तो नहीं किया लेकिन उन्होंने हिंदू मुस्लिम सिख इसाई आपस में है भाई भाई वाला संदेश जरूर दिया। ममता का यह मैसेज पॉलिटिकल लाइन को दर्शाता है लेकिन इस तक के बीच बीजेपी के सहयोगी होने के बावजूद नीतीश कुमार ने इस मामले पर चुप्पी साध ली। नीतीश कुमार ने राम मंदिर पर कुछ भी कहना मुनासिब नहीं समझा। ना तो मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से और ना ही नीतीश कुमार के ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया आई है।
Hindu Muslim Sikh Isaai
Aapas mein hain Bhai Bhai!
Mera Bharat Mahaan,
Mahaan Hamara Hindustan.Our country has always upheld the age-old legacy of unity in diversity, and we must preserve this to our last breath! (1/2)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 5, 2020
हालांकि नीतीश कुमार आज बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करते रहे लेकिन अमूमन ऐसे मौकों पर उनके कार्यालय की तरफ से आधिकारिक प्रेस रिलीज जरूर आ जाता है जो अब तक सामने नहीं आया है। सियासी जानकार यह मानते हैं कि नीतीश कुमार बिहार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए ऐसे किसी भी मुद्दे पर टिप्पणी करने से बचना चाहते हैं जो उन्हें विवादित लगता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में भले ही फैसला दिया था उसके बावजूद चुनाव के ठीक पहले इस पर प्रतिक्रिया देने से परहेज रखना चाहते हैं।