दिल्ली से चले प्रवासी मजदूर बिहार आकर मानव बम साबित न हो जाये। इसे रोकने के लिए बिहार सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। यूपी से सटे बिहार के जिला अधिकारियों ने अपने डाक्टरों की टीम को अलर्ट पर रखा। ये टीम वापस आ रहे हर प्रवासी मजदूरों का बाँडर पर ही गहन थर्मल स्केनिंग करेगा। जिला पुलिस उन्हें किसी भी हाल में अपने घर वापिस नहीं होने देगी। बाँडर पर ही इनके रहने के लिए टेंट और खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी।
कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए किसी भी यात्री को लेकर आ रहे वाहन को बिहार की सीमा पर रोक दिया जाएगा। दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से बसों में भरकर प्रवासियों को वापस गांव भेजने की खबर आने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कह दिया था कि इससे लॉकडाउन फेल हो जाएगा। कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। उनके आशंका व्यक्त करने के बाद भी दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों से पैदल ही अपने गांव की ओर निकल पड़े लोगों की मदद के लिए बसें रवाना कर दी गईं। नोएडा और गाजियाबाद से बिहार के लिए बसें चल पड़ीं। इस सूचना के बाद मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक कर सीमा पर वाहनों को रोकने और यात्रियों के लिए आपदा सीमा राहत शिविर लगाए जाने का फैसला लिया।
बिहार में कोरोना से पॉजिटिव मरीज़ो की संख्या बढ़कर हुई 11. : पटना के RMRI रिसर्च सेंटर में आज 161 कोरोना से संदिग्ध मरीज़ो की जांच की गई, जिसमे से 159 मरीज़ो का जांच रिपोर्ट निगेटिव आई, वही 2 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई, जिसमे एक 24 वर्षीय महिला और एक लखीसराय निवासी 30 वर्षीय महिला शामिल है जिसको NMCH के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है।
अब झारखंड, पश्चिम बंगाल व यूपी की सीमा से भी कोई वाहन बिहार में अंदर नहीं आ सकेगा। आपदा राहत शिविर में लोगों के भोजन, आवासन व चिकित्सा आदि की पूरी व्यवस्था रहेगी। मुख्यमंत्री स्वयं इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं। शिविर में बच्चों के लिए भी इंतजाम किए जा रहे। मु्ख्यमंत्री के आदेश के तुरंत बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी सीमावर्ती जिले पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूíणया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, भोजपुर, कैैमूर, बक्सर, छपरा, सीवान एवं गोपालगंज के डीएम से वीडियो कांफ्रेंसिंग से बात की।
बसों में भर लोगों को घर भेजने से लॉकडाउन फेल : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन को देखते हुए मजदूरों और प्रवासियों को उनके घर भेजे जाने के यूपी और दिल्ली सरकार के फैसले का विरोध किया है। मुख्यमंत्री ने मजदूरों के लिए बसों की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली या कहीं और से लोगों को बुलाने से समस्या और बढ़ेगी। इससे प्रधानमंत्री का लॉकडाउन फेल हो जाएगा। हम चाहते हैं कि लाॅकडाउन की स्थिति में जो लोग जहां पर भी हैं, वहीं उनके रहने-खाने की व्यवस्था की जाए। बसों से लोगों को बुलाने से लॉकडाउन का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। दिल्ली सरकार ने बसों के जरिए लोगों को पहुंचाने की व्यवस्था की है। यूपी सरकार ने 200 बसों का इंतजाम किया है। विशेष बस से लोगों को भेजना एक गलत कदम है। इससे बीमारी और फैलेगी जिसकी रोकथाम और उससे निबटना सबके लिए मुश्किल होगा। बेहतर होगा कि स्थानीय स्तर पर ही कैम्प लगाकर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम किया जाए।