बिहार में स्वास्थ्य विभाग के अंदर हो रही बहाली को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर नीतीश सरकार पर हमला बोला है. स्वास्थ्य विभाग में मनमाने तरीके से हो रही बहाली और फिर उसे रद्द करने के फैसले को लेकर तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरा है. तेजस्वी यादव ने आरोप लगाए हैं कि बिहार में सरकार ने बहाली प्रक्रिया को मजाक बनाकर रख दिया है.
तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है कि पहले नीतीश सरकार ने दीवार पर इश्तेहार चिपकाकर बिना आवेदन, तारीख़ और योग्यता के पैसे लेकर 780 लोगों की नियुक्तियां की गई. उसके बाद जब मामला उजागर हुआ तो 15 दिन बाद बहाली रद्द कर दी गई. फिर एक बाद उन्हें फिर से बहल कर दिया गया.
आपको बता दें कि बीते दिनों मुजफ्फरपुर जिले में कोरोना को लेकर किये गए विभिन्न पदों पर बहाली में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था. अस्पताल के एक कर्मी का ऑडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था जिसमें स्वास्थ्य विभाग में बहाली के नाम पर पैसे का खेल सामने आया था. इतना ही नहीं धांधली और पैसे लेकर नियुक्ति के आरोप में हटाए गए 780 स्वास्थ्यकर्मियों और सहायकों की सेवा जिले के सिविल सर्जन ने 20 घंटे के अंदर बहाल कर दी. सीएस ने गुरुवार काे इनका नियोजन समाप्त कर दिया था. अब अपने ही आदेश को रद्द कर संशोधित आदेश निकाला है.
इन कर्मियों काे काेराेना काल में स्वास्थ्य विभाग में कर्मियों की कमी काे देखते हुए 26 जुलाई तक के लिए नियोजन पर रखा गया था. सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने संशोधित आदेश में कहा है कि सभी पीएचसी प्रभारी और संबंधित चिकित्सकों ने नियोजन रद्द किए जाने से टीकाकरण और कोरोना से जंग का अभियान कमजोर पड़ने की आशंका है. इसलिए 780 लोगों के नियोजन को तत्काल प्रभाव से पुनर्बहाल किया जाता है. सीएस के नए आदेश में जनहित को देखते हुए यह फैसला लेने की बात कही गई. वहीं, डीएम प्रणव कुमार ने पूरे प्रकरण से अनभिज्ञता जताई. उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.