नीतीश कुमार के निरंकुशता की हालत ये है कि पहले तो प्रदर्शन कर रहे नियोजित शिक्षकों पर डंडा चलवाते हैं । और अब त्योहार से ठीक पहले उनका वेतन रोक लेते हैं । नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है । 5 सितंबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले नियोजित शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है । वेतन आगले आदेश तक रोका गया है ।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रणजीत कुमार सिंह ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जो भी शिक्षक 5 सितंबर को अनाधिकृत रूप से गैर हाजिर थे उनका वेतन अगले आदेश तक स्थगित रखा जाए । निदेशक ने इस संबंध में सभी जिलों के डीईओ, डीपीओ स्थापना, बीईओ और सभी विद्यालयों के प्रधान शिक्षक को निर्देश दिया है ।
ज्ञात हो कि राज्य के चार लाख नियोजित शिक्षक सिर्फ समान वेतन नहीं, अपने मान-सम्मान के लिए मौन वेदना प्रदर्शन किया था । समिति अपनी मांगों, बिहार के नियोजित शिक्षकों को पुराने शिक्षकों के भांति वेतनमान, सेवाशर्त,पेंशन आदि को लेकर जुलाई से ही चरणबद्ध आंदोलन कर रही थी ।