मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदूषण की समस्या पूरे देश में बढ़ती जा रही है। खासकर वायु प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है। बिहार में भी यह समस्या दिखने लगी है। वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए विशेष रूप से हम सबको मिलकर काम करना होगा। वाहनों से होने वाले प्रदूषण इसका मुख्य कारण बताया गया है। इसलिए 15 वर्ष से ज्यादा पुराने व्यावसायिक वाहनों और सरकारी वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे निजी वाहनों को फिर से फिटनेस लेना होगा।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को 1 अणे मार्ग में राज्य में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के उपायों पर विचार के लिए उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। तय हुआ कि मंगलवार से पटना की मुख्य सड़कों और सभी कंस्ट्रक्शन साइट्स पर पानी का छिड़काव किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना नगर निगम को शहरों की सफाई और अन्य जरूरी संसाधनों की कमी नहीं होगी। विदेशी तकनीक के अध्ययन की जरूरत है कि कैसे शहरों में धूल कण नहीं रहे। पुराने डीजी सेट बैन किए गए हैं। इस पर पूर्णतः रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है। पटना, गया और मुजफ्फरपुर को देश के 102 ननअटेनमेंट सिटी के रूप में चिह्नित किया गया है।
दिल्ली-एनसीआर में लाेगों का दम घुट रहा है। उन्हें मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। राज्य सरकारें और स्थानीय निकाय प्रदूषण रोकने में नाकाम रहे हैं । यह जीने के मूलभूत अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। – जस्टिस मिश्रा, जस्टिस गुप्ता
दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा पर साेमवार काे सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई। कहा कि- ‘सरकारें और उनकी एजेंसियां प्रदूषण राेकने में नाकाम रही हैं। लोगों का दम घुट रहा है, सरकारें आरोप-प्रत्यारोप में उलझी हैं।’ हरियाणा, पंजाब और यूपी के खेताें में पुआल जलाने पर नाराज जस्टिस अरुण मिश्रा अाैर दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि दिल्ली-एनसीअार में लाेग घराें में भी सुरक्षित नहीं हैं। दिल्ली हर साल इसी तरह घुटती है और हम कुछ नहीं कर पाते। किसान पुआल जलाते हैं और दूसरों को मरने के लिए छोड़ देते हैं।’ जस्टिस मिश्रा ने कहा कि- ‘किसान अपनी अाजीविका के लिए दूसरों को नहीं मार सकते। हमें किसानों से कोई हमदर्दी नहीं है। प्रदूषण के जाे हालात हैं, वैसे किसी भी सभ्य देश में नहीं हाेने चाहिए। राज्य सरकारों की दिलचस्पी सिर्फ चुनावों में है। हर चीज का मजाक बनाया जा रहा है।’ काेर्ट ने पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिवाें काे बुधवार को तलब किया है।
बैठक के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि पटना और आसपास के जिलों में प्रदूषण से हालात खराब हैं। ऑटो रिक्शा और सिटी बसों में किरासन तेल के उपयोग की भी शिकायत मिल रही है। इसकी जांच कराई जाएगी। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जिला के स्तर पर डीएम जबकि राज्य स्तर पर पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई है। बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव पर्यावरण दीपक कुमार सिंह, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष एके घोष, नगर विकास सचिव आनंद किशोर, कृषि सचिव एन.सरवन कुमार, परिवहन सचिव संजय अग्रवाल, सीएम के सचिव मनीष वर्मा और अनुपम कुमार भी मौजूद थे।