बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने प्रदेश में आने वाले प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborers) से जुड़ी व्यवस्था के बारे में प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों के कौशल सर्वे से प्राप्त जानकारी के अनुसार रोजगार सृजन के लिए सभी विभाग अग्रिम तैयारी करें ताकि उनके कौशल के अनुरूप उनका उपयोग किया जा सके. सीएम ने प्रवासी मजूदरों की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए निर्धारित मानक प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया है.
कोविड-19 (COVID-19) वायरस पर काबू करने को लेकर किए जा रहे उपायों की गुरुवार को उच्चस्तरीय समीक्षा के दौरान नीतीश ने मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि बाहर से बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं, इसलिए प्रखण्ड क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था को सुदृढ़ रखें और निर्धारित मानक प्रक्रिया के अनुरूप पूरी व्यवस्था करें. नीतीश ने रैंडम टेस्टिंग की भी व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि रैंडम टेस्टिंग से न केवल संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकेगा बल्कि लोगों में सुरक्षा की भावना भी पैदा होगी. नीतीश ने कहा कि इसके लिए समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था हो और टेस्टिंग की गुणवता पर विशेष ध्यान दिया जाए.
प्रवासी मजदूरों के कौशल के अनुसार रोजगार सृजन की तैयारी करें विभाग : नीतीश ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए लोग लगातार काम कर रहे हैं. ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करते रहें. उन्होंने अस्पतालों के प्रबंधन को भी सुदृढ़ रखने की आवश्यकता पर बल दिया.
लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों में फंसे बिहार मूल के नागरिकों को उनके घर पहुंचाने की कवायद पर तेजी से काम शुरू हो गया है. इसी कवायद के तहत शुक्रवार को 19 हजार यात्रियों को लेकर 17 ट्रेनें बिहार के विभिन्न इलाकों में पहुंचेंगी. इन ट्रेनों से आने वाले यात्री बिहार के 11 जिलों से संबंधित हैं. वहीं, इन ट्रेनों के बिहार पहुंचने से पहले स्थानीय प्रशासन ने सभी की मेडिकल जांच की तैयारियां पूरी कर ली है. स्टेशन पर इन सभी की थर्मल स्क्रीनिंग (Thermal Screening) के बाद यात्रियों को 14 दिनों के क्वारंटाइन (Quarantine) के लिए भेज दिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि 24 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के चलते बिहार मूल के हजारों लोग देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं. लंबे समय से ये सभी लोग अपने घर जाने की कोशिशों में लगे हुए थे. वहीं, बिहार सरकार के ऊपर लगातार यह दबाव बढ़ रहा था कि किसी भी तरह बिहार मूल के इन नागरिकों को उनके घर वापस लाया जाए. लोगों की इन मांगों को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. वहीं, लॉकडाउन 3.0 के शुरू होने के बाद केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में फंसे लोगों को उनके घर पहुंचाने का फैसला किया था. इसके तहत, विभिन्न राज्यों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी. इसी कवायद के तहत, शुक्रवार को 17 श्रमिक ट्रेनें करीब 19 हजार लोगों को लेकर बिहार के विभिन्न स्टेशनों पर पहुंचेगी.
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