
बिहार सरकार ने कोरोना से होने वाले मौत पर उनके परिजनों को 4 लाख रूपये देने की घोषणा की । यह कदम स्वागतयोग्य था और विपक्ष ने भी इसकी प्रशंसा की । लेकिन अब नीतीश कुमार अपने ही वादों से मुकर कर कुछ और ही खेल खेलने में लग गई है । असल में नीतीश कुमार कोरोना से हुई मौत को छुपाने का काम कर रही है । वजह केवल एक ही है मुआवजे से बचा जा सके ।
बिहार सरकार ने मई में पटना में कोरोना से 446 मौतें बताई हैं। लेकिन हकीकत ये कि पटना शहर के तीन प्रमुख घाटों बांस घाट, गुलबी घाट और खालेकलां घाट पर ही कोविड प्रोटोकॉल से 1,548 लाशें जलाई गई हैं। गुलबी घाट पर मई में कोरोना प्रोटोकॉल से 597, बांस घाट पर 901 और खाजेकला घाट पर 150 अंतिम संस्कार हुए थे।
इनके अलावा दानापुर घाट, फतुहां घाट और ग्रामीण इलाकों के दूसरे घाटों पर रिकॉर्ड रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए यहां की संख्या नहीं बताई जा सकती।

ग्रामीण इलाकों के 18 प्रखंडों के 18 रिपोर्टरों ने अपने अपने इलाके में स्थित पंचायतों और नगर निकायों से मौतों के जो आंकड़ें निकाले, वे काफी डराने वाले हैं। सिर्फ ग्रामीण इलाकों में 447 लोगों की कोरोना से मौत हुई। इसके अलावा 3,162 ऐसे लोगों की मौत हुई जिनकी जांच नहीं हुई लेकिन उनमें कोरोना के लक्षण थे। इस तरह एक महीने में गांवों से 3,609 अर्थियां उठीं। अगर इनमें शहर के आंकड़े भी जोड़ दिए जाएं, तो से संख्या 5000 से ज्यादा हो जाएगी।
डीएम बोले- मौतों का सर्वे करा रहे
पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि जिले में कोरोना से मौतों का सर्वे करा रहे हैं। इसे दो दिन में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जिला कंट्रोल रूम में 300 लोगों ने जानकारी दी है। सभी जगह से मिलने वाले आंकड़ों के बाद मौत का डेटा जारी करेंगे।
मंत्री बाेले-केंद्र की गाइडलाइन पर ही काम कर रहे
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि केंद्र की जो गाइडलाइन हैं, उसके मुताबिक ही काम कर रहे हैं। कई लोगों के लंग्स में इंफेक्शन था, सभी का प्राथमिकता के तौर पर इलाज किया गया। लेकिन कोरोना से मौत उन्हें ही माना जाता है जिनके पास कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव हो। बिना रिपोर्ट कैसे मानें? मौत की दूसरी वजहें भी हो सकती हैं।

जिनकी जांच नहीं हुई, उनकी मौत कोरोना से नहीं मानी जाएगी
दूसरी लहर के पीक में न जाने कितने लोगों ने बिना जांच और बिना अस्पताल पहुंचे दम तोड़ दिया। गांवों में तो अब भी कई किलोमीटर तक जांच नहीं हो पा रही है। ये सच अपनी जगह है। लेकिन सरकार कोरोना से मरने वालों में उन्हें ही गिनेगी जिनकी कोरोना जांच हुई थी और पॉजिटिव थे। उन्हीं के परिवारों को मुआवजा मिलेगा।
सरकार के रिकॉर्ड में मंगलवार तक 5,222 लोग कोरोना से जान गंवा चुके हैं। पटना में कोरोना से अब तक 1,205 मौत सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं। लेकिन अस्पतालों के मुताबिक पटना जिले में मारे गए लोगों में से 50% से भी कम लोगों के पास कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट थी।