कोरोनाबन्दी (Corona Lockdown) में दूसरे प्रदेशों से अपने घर लौटे प्रवासी श्रमिकों (Migrant Labors) को मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का लाभ एक बड़े सौगात के तौर पर मिल सकता है. बिहार सरकार के परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि जो प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में वाहन चला कर परिवार चला रहे थे अब उनका खुद का वाहन होगा और मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना (Bihar Government Scheme) से सीधे उनको रोजगार का अवसर मिलेगा.
8000 से अधिक लोगों ने किया है आवेदन
अप्रवासी मजदूर लगातार इस योजना का लाभ उठाने में लगे हैं. पिछले कुछ दिनों में विभिन्न जिलों के 8000 से अधिक लोगों ने इस योजना के तहत अब तक आवेदन दिया है. ग्राम परिवहन योजना के तहत सीतामढ़ी से 298, पटना से 441, औरंगाबाद से 326 वैशाली से 426, मधुबनी से 359, सारण से 349, समतीपुर से 331, पूर्वी चंपारण से 316, गया से 310 लोगों ने आवेदन दिया है.
31 मई तक बढ़ाई गई आवेदन की तिथि
बिहार के मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का लाभ उन्हीं को मिल सकेगा जो आवेदक 31 मई तक आवेदन कर सकते हैं. कोरोनबन्दी में काफी संख्या में दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हुई है. लोगों को बिहार में ही रोजगार मिल सके इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना की तिथि बढ़ा कर 31 मई तक कर दी गई है. इससे पहले आवेदन के लिए 15 मई 2020 तक ही आखिरी तिथि निर्धारित थी.
ये है प्रकिया
आवेदन प्राप्ति के सात दिनों के अंदर लाभुकों को अनुदान मिलेगा. 19 से 20 जून तक प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा चयनित लाभुकों को चयन पत्र दिया जाएगा. 19 जून से चयनित लाभुकों द्वारा अनुदान प्राप्ति हेतु राशि का आवेदन दिया जा सकेगा. आवेदन प्राप्ति के 7 दिनों के अंदर अनुदान की राशि सीएफएमएस के माध्यम से लाभुक के खाते में भुगतान कर दिया जाएगा. इस योजना से बेरोजगार हुए बाहर से आए लोगों में उम्मीद जगी है.
करीब 42 हज़ार आवेदकों का किया जाना है चयन
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत लगभग 41930 आवेदकों का चयन किया जाना है. इनमें अब तक साढ़े 23 हज़ार लोगों का चयन कर योजना का लाभ दिया जा चुका है. पांचवें चरण के लिए लगभग 14 हज़ार रिक्ति के लिये आवेदन निकाला गया है. इस योजना के तहत हर पंचायत के लिए पांच योग्य आवेदकों का चयन किया जाना है, जिसमें तीन लाभुक अनुसुचित जाति या जनजाति और दो लाभुक अत्यंत पिछड़ा वर्ग से होंगे. ई-रिक्शा के क्रय की स्थिति में खरीद मूल्य का 50 प्रतिशत लेकिन अधिकतम 70 हजार रुपए अनुदान दिये जाएंगे.
इनपुट – न्यूज18