बिहार में लागू स्मार्ट प्रीपेड मीटर को अब पूरे देश में लागू करने का प्रस्ताव दिया गया है. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतरमण ने सोमवार को संसद में पेश आम बजट में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को देश में लागू करने का प्रस्ताव दिया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी केंद्रीय बजट को स्वागत योग्य बताते हुए कहा है कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की बिहार की योजना अब पूरे देश में लागू होगी. इस काम को केंद्र सरकार ने आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है.
बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है. बिहार में 2018 में नॉर्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) से करार किया. इसके बाद 2019 में मंत्रिमंडल की बैठक में स्मार्ट प्रीपेड मीटर राज्य में लगाने का निर्णय लिया गया. प्रारंभ में इसे कुछ जिलों तक सीमित रखा गया था.
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य में अब तक एक लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं के स्मार्ट प्रोपेड मीटर लगाए जा चुके हैं. इस बीच, सरकार ने इस काम को और तेज करने का निर्णय लिया है. उपभोक्ताओं के मीटर अब बड़े पैमाने पर प्रीपेड में तब्दील कर दिए जाएंगे. कनेक्शन प्रीपेड होने से उपभोक्ता बिना पेमेंट किए बिजली का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. सार्वजनिक क्षेत्र की ईईएसएल ने बिहार की दो बिजली डिस्ट्रब्यूशन यूनिट्स से राज्य में 23.4 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए पिछले सप्ताह करार किया है.
ईईएसएल ने कहा है कि यह पहली बार है जब राज्य में इतने बड़े स्तर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं. इससे राज्य के बिजली क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा. बयान में कहा गया है कि ईईएसएल ने साउथ बिहार पावर डिस्ट्रब्यूशन कंपनी लिमिटेड और नॉर्थ बिहार डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड के साथ राज्य में 23.4 लाख स्मार्ट प्रीमेड मीटर लगाने के लिए करार किया है.
बिहार के बिजली मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव भी कहते हैं, बिजली क्षेत्र को बड़ा तकनीकी और कमर्शियल नुकसान झेलना पड़ रहा है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर बिहार के लिए इस चुनौती को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. मुझे भरोसा है कि इन मीटर से राज्य के बिजली क्षेत्र को काफी फायदा होगा और बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति में इससे सुधार आएगा. बिहार में बिजली खपत में लगातार वृद्धि हो रही है. आंकडों के मुताबिक साल 2012-13 में राज्य में प्रति व्यक्ति बिजली खपत मात्र 145 यूनिट थी जो 2018-19 में बढकर 345 यूनिट हो गई है. कहा जा रहा है कि राज्य में उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि हुई है.