परिहवन विभाग ने निर्धारित किराये पर ही सवारी बैठाने का आदेश लागू कर दिया है. साथ ही एक जून से बिहार में बसों और ऑटो के परिचालन पर लगी पाबंदी हटा दी गई है. राज्य में अब कोई ऑड-ईवन नम्बर भी लागू नहीं है. ऐसे में इसके बाद भी ऑटो चालक कई रूटों पर यात्रियों से दोगुना किराया वसूल रहे हैं.
दरअसल दानापुर, पटना सिटी और परसा-पुनपुन रूट में यात्रियों से दोगुना से तिगुना किराया वसूला जा रहा है. तो वहीं यात्री भी अधिक पैसा देने को मजबूर हैं. जहां पहले दानापुर से पटना जंक्शन आने का भारा 18 रुपये था. अब ऑटो वाले 36 रुपये ले रहे हैं. दानापुर से गांधी मैदान आने के लिए भी 40 रुपये वसूल रहे हैं.
ऐसे में यात्रियों का कहना है कि एक दो सवारी रहे तो पैसा देने में परेशानी नहीं है, लेकिन ऑटो खचाखच भरा रहता है फिर भी अधिक पैसा मांगते हैं. यात्रियों का कहना है कि पटना सिटी, दानापुर रूट में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं. सिटी के मनोज कुमार बताते हैं कि उनके पास आने-जाने का साधन नहीं है. जहां से वे आते हैं, वहां बस भी नहीं जाती है. मजबूरी में ऑटो से आना पड़ता है. ऑटो चालक मजबूरी का फायदा उठाकर अधिक पैसे ऐंठते हैं.
इधर, ऑटो चालकों का अपना रोना है. ऑटो चालकों का कहना है कि इतनी भी सवारी नहीं मिल पा रही है कि पेट्रोल-डीजल का दाम निकल सके. ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव राजकुमार झा का कहना है कि कई ऑटो चालकों को किराये के बारे में पूरी जानकारी नहीं है. उन लोगों को जागरूक किया जा रहा है.