बिहार एनडीए में खींचातान अंदर ही अंदर बड़ा रूप ले रहा है । एनड़ीए के चिराग ने साफ-साफ कह दिया कि उन्हे 40 से कम सीट मंजूर नहीं है । और चिराग के इस बयान से एनडीए में खलबली मची हुई है । जदयू के नेता उन्हे मनाने में लगे हुए हैं लेकिन चिराग अपने स्टैंड से टस-से-मस नहीं हो रहे हैं ।
चिराग पासवान ने साफ कर दिया है कि बिहार एनडीए में तीन दल शामिल है. तीनों दलों की सहमति से सीटों का बंटवारा होगा. ना कि सिर्फ दो दल आपस में बैठकर सीटों बांट लेंगे और अपने मन मुताबिक लोजपा को सीट ऑफर करेंगे. लोजपा अध्यक्ष बिहार एनडीए में जेडीयू की मनमानी से खासा नाराज है.
जेडीयू से लोजपा आखिर इतना क्यों भड़का हुआ है. क्यों जेडीयू के किसी बात को मानने से चिराग पासवान इन्कार कर रहे है. ऐसे सारे सवालों को लेकर लोजपा के उन नेताओं से बात की जो चिराग पासवान के करीबी माने जाते है. पार्टी के कोर टीम में शामिल है. उन पार्टी नेताओं ने चिराग पासवान की मंशा को से शेयर किया.
पार्टी नेताओं ने बताया कि बिहार में लोजपा की लगातार हो रही अनदेखी से चिराग पासवान नाखुश है. पशुपति कुमार पारस के बाद राज्य सरकार में लोजपा को प्रतिनिधित्व नहीं दी गयी. इसके लिए लोजपा की ओर से कई बार पहल भी किया गया लेकिन हरबार नतीजा सिफर निकला. कई मुद्दों पर लोजपा की ओर से बिहार सरकार को चिट्ठी लिखी जाती है लेकिन एक भी चिट्ठी का जवाब सरकार की ओर से नही दी जाती है. जिससे चिराग पासवान नाराज है.
पार्टी नेताओं की माने तो लोजपा बिहार में 40 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. लेकिन जेडीयू उसके राह में रोड़ा अटकाने का काम कर रहा है. इससे चिराग पासवान खासा नाराज है. चिराग पासवान का साफ कहना है कि पार्टी के 6 सांसदों होने के नाते अनुपातिक दर पर भी सीट बंटवारा होता है 36 सीट बनती है. ऐसे में विधानसभा के 40 सीटों पर दावा लोजपा का वाजिब हक बनता है. लेकिन लोजपा को यह भी ऑफर नहीं किया जा रहा है.
लोजपा के नेताओं की माने तो जेडीयू बीजेपी की ओर से पार्टी को वो सीटें ऑफर की जा रही है जहां पर महागठबंधन काफी मजबूत स्थिति में है. जबकि लोजपा अपने अनुसार के सीटों पर पहले से ही फिल्डिंग सेट कर रखा है. ऐसे में ऑफर वाले सीटों पर चिराग पासवान को चुनाव लड़ना स्वीकार नहीं है. इतना हीं नहीं लोजपा राज्यपाल कोटे से विधानपरिषद के 12 सीटों में अपनी हिस्सेदारी चाहता है.