मुंगेर जिले के तारापुर विधानसभा क्षेत्र में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की चुनावी रैली थी। रैली में भीड़ काफी उमड़ी थी। वहीं, मुंगेर में बीजेपी की रैली में कुर्सियां खाली पड़ी थी। 2010 में भी नीतीश कुमार की रैलियों में भीड़ कम उमड़ती थी लेकिन महागठबंधन को सिर्फ 22 सीटें मिली थीं।
वर्चुअल मैदान से बाहर निकल कर नेता एक्चुअल मैदान में उतर आए हैं। चुनावी सभाएं अब बिहार में धड़ल्ले से रही है। नवभारत टाइम्स.कॉम की टीम शनिवार को मुंगेर में थी। मुंगेर जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित रैलियों को कवर किया है। तारापुर विधानसभा क्षेत्र में आरजेडी उम्मीदवार दिव्या प्रकाश के लिए तेजस्वी यादव की रैली थी। वहीं, मुंगेर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार प्रणब यादव के लिए भूपेंद्र यादव, देवेंद्र फडण्वीस और सांसद ललन सिंह की रैली थी।
मुंगेर शहर से कुछ दूर पर आयोजित इस रैली में बीजेपी और जेडीयू के कद्दावर नेता मौजूद थे। लेकिन रैली से रंगत गायब थी। रैलियों में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं थी। बच्चे-बुजुर्ग मिलाकर 1 हजार लोगों की भीड़ भी मैदान में मौजूद नहीं थी। पीछे रखीं कुर्सियां खाली पड़ी थीं। वहीं ज्यादातर कुर्सियों को तो खोला ही नहीं गया था। भीड़ न पहुंचने की वजह नेता लोग ही बता सकते हैं। मगर जो लोग वहां मौजूद थे, उन्हें देख यह लग रहा था कि कोरोना कोई वजह नहीं है।
वहीं, रैली स्थल पर कुर्सियां भर जाए, इसके लिए स्थानीय नेताओं ने छोटे-छोटे बच्चों को मोदी मास्क पहना दिया था। मोदी मास्क पहन कर बच्चे वहां भीड़ में बैठे थे। लेकिन वहां किसी में भी कोरोना को लेकर कोई खौफ नहीं था। नीचे मुंगेर से सांसद ललन सिंह भी बैठे हुए थे, लेकिन चिलचिलाती धूप में बैठे बच्चों पर उनकी नजर नहीं गई थी। बच्चों को यहां तक पता नहीं था कि वह यहां क्यों आए हैं।
तेजस्वी के समर्थक उन्हें सुनने के लिए मैदान के आसपास बने घरों की छत पर बैठे हुए थे। तेजस्वी के इंतजार में घंटों लोग चिलचिलाती धूप में बैठे नजर आए। तेजस्वी निर्धारित समय से करीब 2 घंटे यहां लेट पहुंचे थे। यहां पहुंचने के बाद वह करीब 10 मिनट तक भाषण दिए। साथ ही उन्होंने रोजगार के मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार पर फिर से वार किया है।
बीजेपी की रैली स्थल से करीब 40 किलोमीटर दूर तारापुर में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की रैली थी। तेजस्वी यहां महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने आए थे। तेजस्वी को सुनने के लिए यहां हजारों की संख्या में भीड़ पहुंची थी। इस भीड़ में हर उम्र के लोग मौजूद थे। लेकिन किसी के चेहरे पर मास्क नजर नहीं आ रहा था। वहीं, सोशल डिस्टेंसिग तार-तार हो रही थी।
दोनों रैलियों की 2 अलग-अलग तस्वीरें हैं। स्थानीय लोगों की बातों से पता चलता है कि मुंगेर विधानसभा सीट पर अभी कांटे की टक्कर है। वहीं, तारापुर में तेजस्वी की सभा में भीड़ को लेकर लोग कहते हैं कि इस पर मत जाइए। यहां वोटिंग जातीय आधार पर होती है। वर्षों से इस सीट पर जेडीयू का कब्जा है। यहां से विधायक अभी मेवालाल चौधरी हैं। ऐसे में आखिरी वक्त में भी हालात बदल जाते हैं। अब 10 नवंबर को जनता ही तय करेगी यह भीड़ वोट में बदलती है कि नहीं।