राज्य में उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी बिहार के सभी अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों एवं आठ हजार से अधिक पंचायतों में विशेष अध्ययन केंद्र खोलने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के एक्ट में संशोधन की जरूरत होगी, इसके लिए भी आवश्यक तैयारी की जा रही है। संशोधन के माध्यम से एक्ट में अंगीभूत कॉलेजों को भी जोड़ दिया जायेगा।
शिक्षा विभाग द्वारा लागातार इस बात के लिए कोशिश की जा रही है कि हर हाल में प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात और प्रति लाख आबादी पर कॉलेजों की संख्या में इजाफा किया जाए। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार विशेषकर अंगीभूत कॉलेजों में उच्च शिक्षा के अध्ययन केंद्र खोले जाने से पहके नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के अधिनियम में बदलाव करने की जरूरत होगी।
बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के द्वारा इस सम्बन्ध मे शिक्षा मंत्री को एक पत्र भी लिखा गया है, जिसमें इस बात का अनुरोध किया गया है कि एक्ट में संशोधन की नितांत जरूरत होगी। स्थापित अध्ययन केंद्रों पर डिग्री स्तर की पढ़ाई के लिए विशेषज्ञों को भी नियुक्त किया जाएगा।
सभी अध्ययन केंद्र दूरस्थ शिक्षा केंद्र के रूप मे संचालित किये जायेंगे। पंचायतों में प्रस्तावित अध्ययन केंद्र वहां के पंचायत भवनों में संचालित किये जाने की योजना है। नालंदा ओपन विश्वविद्यालय इन सबमे सामंजस्य कायम करने का काम करेगा। संबद्ध महाविद्यालयों में भी स्टडी सेंटर बनाए जाने की योजना है। गौरतलब है कि सरकार राज्य भर में सकल नामांकन अनुपात बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। प्रदेश के कुल 535 प्रखंडों में से 313 प्रखंडों में अभी कॉलेज नहीं है,यहां भी कॉलेज खोलने की कवायद जारी है।
नालंदा ओपन विश्वविद्यालय,पटना के कुलपति प्रो के सी सिन्हा ने बताया कि पंचायतों में अध्ययन केंद्र खोले जाने के साथ ही सरकार से संबद्ध कॉलेजों और अंगीभूत कॉलेजों में भी इस तरह के केंद्र खोले जाने की योजना बनाई गई है और मॉडल के रूप में दस बड़े अंगीभूत कॉलेजों में अध्ययन केंद्र खोले जा रहे हैं। इसके लिए सबसे पहले विश्वविद्यालय के एक्ट में संशोधन की तैयारी की जा रही है और सरकार अध्ययन केंद्र की मंजूरी मांगी जा रही है।
बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष प्रो कामेश्वर झा ने कहा कि सरकार सकल नामांकन अनुपात बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग संकल्पशील है। इस दिशा में कई ठोस कदम भी उठाये गए हैँ। में परिषद के द्वारा शिक्षा मंत्री को पत्र भी लिखा गया है कि एक्ट में ससमय संशोधन कराया जाना जरूरी होगा। इससे नालंदा ओपन विवि के जरिये जीइआर बढ़ाने में मदद मिलेगी।