बिहार के मुजफ्फरपुर में कर्ज से परेशान पति-पत्नी द्वारा अपने ही घर में फांसी लगाकर खुदकुशी करने का मामल सामने आया है. घटना सरैया थाना के चौबे अंबारा गांव की है. मृतकों की पहचान 30 वर्षीय राजेश महतो और उसकी पत्नी ममता देवी के रूप में हुई है. दंपति द्वारा आत्महत्या करने की वजह कोरोना काल में कर्ज का किस्त नहीं चुकाया जाना बताया जा रहा है. मुजफ्फरपुर के सरैया थाना इलाके के चौबे अंबारा गांव के राजेश महतो ऑटो चलाते थे. गांव के लोगों ने बताया कि उनकी पत्नी ने कारोबार करने के लिए लोन ले रखा था. एक लोन का अकाउंट बंधन बैंक का है जबकि तीन अन्य समूह से भी मृतक दंपति ने लोन लिया हुआ था. कोरोना काल में जब लॉकडाउन हुआ तो उनका कारोबार लगभग ठप्प हो गया लेकिन लोन का किस्त चुकाने का दबाव दंपति के ऊपर बना हुआ था. समूह से जो लोन लिया गया था उसमें दो समूहों को साप्ताहिक और एक समूह को 15 दिनों पर किस्त जमा करने की मजबूरी थी इसकी वजह से पति पत्नी दोनों तनाव में रहते थे.
इस तनाव से मुक्ति पाने के लिए पति राजेश और पत्नी ममता देवी ने बिल्कुल चौंकाने वाला रास्ता अख्तियार किया और खुद को फांसी के फंदे से अपने घर में ही लटका लिया. इस घटना से पूरे इलाके में मातम छा गया. दंपति द्वारा खुदकुशी करने की सूचना मिलने पर गांव भर के लोग राजेश के घर पर जुट गए. सरैया थाना पुलिस को जब खबर दी गई तो जांच के लिए थानेदार अजय पासवान खुद मौके पर पहुंचे. थानेदार ने दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और फिर दोनों शवों को परिजनों के हवाले कर दिया.
इस मामले में एसपी जयंत कांत ने सरैया थानेदार को गहन जांच के आदेश दिए है. एसपी जयंत कांत ने बताया कि ग्रामीणों और पड़ोसियों ने कर्ज के बोझ से दबे होने की वजह से आत्महत्या की बात बताई है, लेकिन पुलिस सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है. एसएसपी ने कहा कि पुलिस पता लगाने में जुट गई है कि आत्महत्या की असली वजह कर्ज का बोझ है या कुछ और. राजेश महतो के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनमें दो बेटे और एक बेटी शामिल है. मां-बाप दोनों के मौत के गले लगा लेने से इन तीनों का भविष्य अंधकार में पड़ गया है. जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर से ने इस मामले में बताया के परिवार के आर्थिक सामाजिक हालात की जानकारी ली जा रही है. प्रशासन इस बात की जानकारी ले रहा है कि किस संस्थान से कितना-कितना लोन लिया गया था. तीनों बच्चों के सपुनर्वास के लिए सरकारी स्तर पर जो मदद हो सकती है प्रशासन उसे मुहैया कराएगा.