कोरोना संकट के कारण घर लौट गये बिहार के मजदूरों के लिए बड़ी खबर है. केंद्र सरकार ने बिहार के 32 जिलों में घर बैठ गये मजदूरों को रोजगार देने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है. केंद्र सरकार मिशन मोड में काम कर वहां रोजगार के मौके उपलब्ध करायेगी.
देश में चुने गये 116 जिले, इनमें 32 जिले बिहार के
दरअसल केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण पर रोक के लिए देश भर में लगाए गए लॉक डाउन के कारण घर लौट गये मजदूरों की छानबीन करायी थी. केंद्र सरकार ने देश के छह राज्यों के 116 जिलों की पहचान की है जहां लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं. केंद्र सरकार ने घर लौट कर बेरोजगार हुए मजदूरों के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है. इन जिलों में समाजिक कल्याण और गरीबों तक सीधे लाभ पहुंचाने की योजनाओं को तेजी से मिशन मोड में चलाया जाएगा. केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय इन जिलों के लिए खास प्लान तैयार करने में जुट गये हैं.
ये हैं बिहार के 32 जिले
केंद्र सरकार ने बिहार के वैसे 32 जिलों की पहचान की है जहां सबसे ज्यादा मजदूर वापस लौटे हैं. यानि उन जिलों में कोरोना के कारण बेरोजगारों की तादाद काफी ज्यादा हो गयी है. बिहार के जिन जिलों की पहचान की गयी हैं वे इस प्रकार हैं.
केंद्र सरकार द्वारा चयनित बिहार के जिले
पटना, गया, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, जमुई, नवादा, पूर्णिया, भागलपुर, सुपौल, सहरसा, पूर्वी चंपारण, कटिहार, मधुबनी, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, अररिया, , रोहतास, समस्तीपुर, बांका, सारण, खगड़िया, बेगूसराय, औरंगाबाद, बक्सर, वैशाली, किशनगंज, मधेपुरा, सीतामढ़ी, सिवान, भोजपुर, नालंदा और कैमूर.
केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया कि इन जिलों में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के पुनर्वास और रोजगार के लिए पूरा खाका तैयार किया गया है. इन जिलों में मनरेगा, स्किल इंडिया, जनधन योजना, किसान कल्याण योजना, खाद्य सुरक्षा योजना, पीएम आवास योजना समेत अन्य केंद्रीय योजनाओं के तहत तेजी से काम होगा. इसके साथ ही नरेंद्र मोदी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भी इन जिलों पर खास ध्यान दिया जायेगा. इन जिलों में दूसरी केंद्रीय योजनाओं का भी टारगेट फिक्स कर काम शुरू किया जायेगा.
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों को भी कहा गया है कि वे दो सप्ताह में इन जिलों के लिए योजनाओं का प्रस्ताव तैयार करके पीएमओ भेजे. उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय उन्हें अंतिम रूप देगा. केंद्र सरकार की तरफ से चयनित 116 जिलों में सबसे ज्यादा 32 जिले बिहार के हैं । उसके बाद उत्तर प्रदेश के 31 जिले है। मध्यप्रदेश के 24, राजस्थान के 22 जिले, झारखंड के 3 और ओडिशा के 4 जिले हैं.