भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि उन्होंने आगे कहा कि इन्हीं सवालों पर आज पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के पास राष्ट्रीय जनता दल के धरना के कार्यक्रम को प्रशासन द्वारा बाधित करना घोर अलोकतांत्रिक कदम है. हमारी पार्टी इस कदम की निंदा करती है. भाजपा व जदयू के लोग किसानों के समर्थन में चल रहे आंदोलन के दमन से बाज आएं.
बंद में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की गारंटी और प्रस्तावित बिजली बिल 2020 की वापसी की भी मांग मजबूती से उठायी जाएगी. आज बिहार के किसानों की हालत बेहद खराब है. नीतीश कुमार ने 2006 में मंडियों की व्यवस्था खत्म करके बिहार के किसानों को दुर्दशा में धकेल दिया है.
माले राज्य सचिव ने आगे कहा कि आजकल मोहन भागवत बिहार के दौरे पर हैं. बिहार की जनता जानना चाहती है कि जब प्रवासी मजदूर और आम लोग कोरोना जनित लाॅकडाउन की मार झेल रहे थे, तब संघ के लोग कहां थे? कहने की जरूरत नहीं कि उस समय आरएसएस के लोग जो अपने को स्वयंसेवक कहते हैं, अपने घरों में दुबके हुए थे.