लगता है क्वारेंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगों को बिहार सरकार की सेवा भा गयी है तभी तो वे घर नहीं जाना चाहते तभी तो वे घर नहीं जाने के लिए तरह-तरह के पैंतरे अपना रहे हैं। मधुबनी में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है।
मधुबनी प्रखंड के धनहा मध्य विद्यालय स्थित क्वारेंटाइन सेंटर से सातवें दिन ही प्रवासियों को प्रशासन उनके घर जाने से मुक्त करने लगा तो प्रवासी आक्रोशित हो गये। उनका कहना था कि उन्हें 21 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया है अभी सात दिन ही बीते हैं। उन्हें डिग्निटी किट का सामान भी नहीं दिया गया है। लोगों ने आरोप लगाया कि डिग्निटी किट के रुपये हड़पने के लिए ही प्रशासन उन्हें घर भेज रहा है। हांलांकि प्रवासियों को घर भेजने की यह प्रक्रिया सरकार के नये दिशा-निर्देश के मुताबिक शुरु की गयी है। जिसमें रेड जोन को चिन्हित इलाकों को छोड़कर अन्य जगहों से लौटे प्रवासियों को स्क्रीनिंग कर होम क्वारेंटाइन में भेजने का आदेश दिया गया है।
शनिवार को मधुबनी सीओ रंजीत कुमार सेंटर पर पहुंचे और सेंटर के प्रवासी मजदूरों के हाथ पर मुहर लगाने की प्रक्रिया शुरू करायी। उन्होनें प्रवासियों को जानकारी देते हुए कहा कि जो लोग ग्रीन जोन से आए हैं उन्हें होम क्वारेंटाइन के लिए भेजा जाएगा। प्रवासियों ने अब तक डिग्निटी किट नहीं देने का मामला उठाया तो सीओ ने बताया कि किट के रुपये उनके खाते में भेजे जाएंगे। इसके बावजूद प्रवासी उग्र हो गये और हंगामा करने लगे।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद वीडियो कॉफ्रेंसिग के जरिए बिहार के तमाम क्वारेंटाइन सेंटरों का जायजा ले रहे हैं। वे वहां बनने वाले खाने की क्वावालिटी और सुविधाओं को देख रहे हैं और वहां रह रहे मजदूरों से बातचीत कर रहे हैं। वहीं सीएम लगातार अधिकारियों को क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दे रहे हैं।