रांची. बिहार में चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, वैसे वैसे लालू पर शिकंजा कसता जा रहा है. चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इन दिनों रिम्स में भर्ती हैं. कोरोना वायरस महामारी के दौर में यूं तो लोगों से मिलने-मिलाने के चलन में कमी आई है, लेकिन बिहार में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लालू यादव की व्यस्तता इन दिनों बढ़ गई है. जेल की सजा काट रहे लालू यादव से हर रोज बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता मिलने पहुंच रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट की आस लेकर पहुंचने वाले इन नेताओं की वजह से कोरोना गाइडलाइन का भी उल्लंघन हो रहा है. विपक्षी दलों के नेताओं ने जब यह मामला उठाया तो अब इसको लेकर रांची प्रशासन भी सतर्क हो गया है.
रांची जिला प्रशासन ने मंगलवार को एक बैठक कर कोरोना गाइडलाइन का राजधानी में सख्ती से पालन कराने का फैसला किया है. राजद प्रमुख से मिलने आने वालों के लिए यह निर्णय बड़ा रोड़ा साबित होगा. अब लालू यादव से मुलाकात आसान नहीं होगी. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लागू सरकारी गाइडलाइन का अनुपालन अब लालू से मुलाकात करनेवालों पर भी लागू किया जाएगा. बिहार या दूसरे प्रदेश से लालू प्रसाद से मुलाकात करनेवालों को 14 दिनों के क्वारंटाइन किया जा सकता है.
इस बारे में डीसी छवि रंजन ने बताया कि जो लोग भी दूसरे प्रदेशों से झारखंड आते हैं उन्हें सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत क्वारंटाइन होना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात करने जो लोग आते है और अगर वे प्रशासन से इसके लिए संपर्क नहीं करेंगे, तो उन्हें भी क्वारंटाइन किया जाएगा. हालांकि लालू प्रसाद यादव से नेताओं की लगातार हो रही मुलाकात पर जिला प्रशासन कैसे नजर रखेगा, इस पर उपायुक्त कुछ नहीं बोले.
याद रहे कि बीते दिनों बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने भी इस मामले पर सवाल उठाते हुए झारखंड सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया था. इसके बाद से ही रांची में कोरोना गाइडलाइन के पालन और लालू यादव से नेताओं की मुलाकात चर्चा में है.