देश-दुनिया में गणित के फॉर्मूले का लोहा मनवाने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज निधन हो गया। बताया जा रहा है कि पटना के पीएमसीएच में उन्होंने अंतिम सांसे ली। कई दिनों से वशिष्ठ नारायण सिंह बीमार चल रहे थे। उनके निधन से देश भर में शोक की लहर है।
आपको बता दें कि दो अप्रैल, 1946 को उनका जन्म भोजपुर जिले के वसंतपुर गांव में हुआ था। वशिष्ठ ने अपने गणित के ज्ञान की वजह से युवा अवस्था में ही खूब सुर्खियां पायीं। नेतरहाट स्कूल से इंटर स्टेट टॉपर बने। 19 वर्ष की उम्र में पटना यूनिवर्सिटी से जब उन्होंने बीएससी और एमएससी किया, तो इसकी चर्चा सारे देश में हुई।
1969 में उन्होंने अमेरिका की कैलिर्फोनिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी की। इसके बाद वाशिंगटन यूनिवर्सिटी और नासा से जुड़ कर काम किया। नासा के अंतरिक्ष मिशन से जुड़ कर जब वह अपने जीवन को सफलता के शीर्ष पर ले जा सकते थे, तब सब छोड़ वह भारत लौट आये। कारण था कि देश की मिट्टी इन्हें वापस बुला रही थी।
मन में देश के लिए कुछ करने की चाहत थी। अपने ज्ञान का इस्तेमाल कर भारत को आगे ले जाना चाहते थे। आइआइटी कानपुर, इंडियन स्टेटिकल इंस्टीट्यूट कोलकाता में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर काम भी किया। वह और भी बहुत कुछ करना चाहते थे, लेकिन किस्मत या ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। 1973 में शादी हुई और 1975 में तलाक। यही वह दौर था, जब काम का बेहतर माहौल नहीं मिलने से वह तनाव में थे और रिश्ते भी टूट रहे थे। इसी बीच उनका एक रिसर्च पेपर भी चोरी हो गया।