
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के साथ ही सियासी दलों ने अपने अपने कैंडिडेट के नामों की घोषणा कर दी है. जदयू ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है.लेकिन इस सूची में एक नाम ऐसा है जिसे सुनकर जदयू खेमा हैरान है. जदयू ने इस बार फिर से मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में नाम आने बाद मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली मंजू वर्मा को फिर से चुनावी मैदान में उतार दिया है.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की आरोपी को JDU ने दिया टिकट
जदयू ने तीन चरणों में होने वाले बिहार विधासनभा चुनाव के लिए अपने 115 उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट जारी कर दी है.जेडीयू की कैंडिडेट लिस्ट में एक नाम ऐसा रहा, जिसने सबको चौंका दिया है. नीतीश कुमार की जदयू ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को भी टिकट दिया है, जो 2018 में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की आरोपी हैं और जिन्हें पार्टी ने खुद निकाल दिया था. मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में नाम आने और मंत्री पद से हटाए जाने से पहले मंजू वर्मा नीतीश कुमार की कैबिनेट में सामाजिक न्याय मंत्री थीं. मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में विवादों में रहीं पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को भी जेडीयू ने चेरिया विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है. फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं इतना ही नहीं, मुजफ्फरपुर कांड सामने आने के बाद जदयू ने उन्हें निलंबित भी कर दिया था.
जदयू दफ्तर में लाइन में खड़ी दिखीं थी मंजू वर्मा
पार्टी से साइडलाइन किए जाने के बाद टिकट की दावेदारी के लिए मंजू वर्मा को लाइन में लगते देखा गया था. ऐसा कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार जदयू किसी भी तरह के आरोपी को टिकट नहीं देगी. लेकिन अचानक से टिकट की लिस्ट में मंजू वर्मा का नाम शामिल होने से लोग ताज्जुब में हैं. दरअसल मंजू वर्मा को नीतीश कुमार की पार्टी से टिकट मिलना इसलिए भी हैरान करने वाला है क्योंकि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के वक्त मंजू वर्मा समाज कल्याण विभाग की मंत्री थीं, जिनके ऊपर आरोप है कि उनकी नाक के नीचे बालिका गृह कांड हुआ. इस कांड के सामने आने के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. लेकिन फिलवक्त चुनाव के वक्त वो उन सारे आरोपों को खारिज कर दिय गया है और पार्टी ने उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया है.