‘लोटा के लिए बटलोही नहीं खोना चाहिए’ चिराग मामले में हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने ये बातें कही है. उन्होंने एनडीए में लोजपा की पेंच पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा कि नीतीश कुमार से राजनीतिक लाभ नहीं मिला इसलिए अंगूर खट्टे है का राग अलाप रहे हैं. पिछले चार, साढ़े चार साल से बिहार एनडीए के काम उन्हें अच्छा लगता था लेकिन अचानक ऐसी कौन सी बात हो गयी जिससे उनकी नजर में नीतीश कुमार इतने खटकने लगे.
मांझी ने कयास लगाते हुए कहा कि चिराग नीतीश कुमार से कोई निश्चित ही राजनीतिक लाभ लेना चाहते होंगे, जिसे मुख्यमंत्री ने पूरा नहीं किया. इस कारण अब उन्हें सरकार के कामकाज में खोट दिखने लगा. चिराग के कुछ ऐसी शर्ते है जो एनडीए के लिए ठीक नहीं है.
उन्होंने एक कहावत भी कही- ‘लोटा के लिए बटलोही को नहीं खोया जा सकता है’ यानी छोटे लक्ष्य के लिए बड़े लक्ष्य की तिलांजली नहीं देनी चाहिए. एनडीए को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए. नीतीश कुमार के शासनकाल में अच्छा काम हुआ है. जनता ने काफी नजदीक से विकास को देखा है. विकास को वोट करेगी.
बता दें कि एनडीए में शामिल होते ही मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर करने वालों पर पलटवार करना शुरू कर दिया था. उन्होंने चिराग पासवान को नसीहत देते हुए कहा था कि एनडीए में रहना हैं तो गठबंधन धर्म का पालन करें, अन्यथा अनाप शनाप बयानबाजी कर जनता में भ्रम फैलाने का काम नहीं करें.
मांझी ने आगे कहा था कि चिराग के पिता रामविलास पासवान ने सिर्फ दलितों की राजनीति की है. उनके विकास के लिए कुछ नहीं किया. इतने लंबे टर्म से केन्द्र और राज्य की राजनीति में उनकी पकड़ रही फिर आज दलित वर्ग अपने आप को उपेक्षित महसूस करता है. इसके लिए उनके पिता जिम्मेवार है.