मुख्यमंत्री और महागठबंधन के प्रमुख घटक दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के बयान ने बिहार में सियासी भूचाल ला दिया। उन्होंने बुधवार को विधानसभा परिसर में मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि अभी बिहार में सीएम पद के लिए नीतीश कुमार से बड़ा चेहरा कोई नहीं है। पत्रकारों द्वारा बार-बार सवाल करने पर उन्होंने यह बयान दोहराया। महागठबंधन में रहते हुए भी नीतीश को लेकर दिए गए मांझी के इस बयान को राज्य में बदलते राजनीति संकेत के रूप में देखा जा रहा है। यह भी चर्चा है कि अंदरखाने बिहार में कोई नया राजनीतिक समीकरण तो आकार नहीं ले रहा है।
पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश को सबसे बेहतर बताया
मांझी ने यह भी कहा कि महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी ही तय करेगी कि राज्य में इसका सीएम उम्मीदवार कौन होगा। उनके इस बयान के भी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। महागठबंधन के दलों में इस बयान का एक मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि मांझी फिलहाल राजद नेता तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार मानने के मूड में नहीं है। मांझी यहीं नहीं रुके। यह भी कह दिया कि नीतीश कुमार जब भी महागठबंधन में आएं, उनका स्वागत है।
मांझी ने एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। कहा, मुख्यमंत्री का स्टैंड ठीक है। उन्होंने सोच-समझकर कदम उठाया है। एक सवाल पर कहा कि महागठबंधन में जदयू के आने की बात अलग है, लेकिन मैं पहले से आग्रह करता रहा हूं कि मुख्यमंत्री जी आप महागठबंधन में आ जाएं। राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह भी ऐसा बोल चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने मांझी द्वारा नीतीश को बड़ा चेहरा बताए जाने को काल्पनिक सोच बताया। वहीं, राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि उनको मांझी के बयान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। राजद ने प्रस्ताव पारित कर चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ने का निर्णय लिया है।