सूबे के प्राइमरी स्कूलों में बड़े पैमाने पर हो रही शिक्षकों की बहाली के मामले में पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने डीएलएड और बीएड के डिग्रीधारियों को एकसमान मानते हुए शिक्षक नियुक्ति के लिए एक ही मेरिट लिस्ट बनाने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है। जस्टिस डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने हरेराम कुमार की रिट याचिका पर यह फैसला दिया। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे बुधवार को सुनाया गया। याचिका में राज्य सरकार के उस निर्णय को चुनौती दी गई थी जिसमें डीएलएड उम्मीदवारों को शिक्षक बहाली में प्राथमिकता देने की बात कही गई थी। अदालत ने सरकार का यह आदेश रद्द कर दिया।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले का शिक्षा विभाग सम्मान सम्मान करता है। अब बहाली के लिए काउंसिलिंग की तिथि जारी की जाएगी। सरकार ने कहा था कि डीएलएड डिग्रीधारियों की बहाली के बाद पद रिक्त रहने पर ही बीएड उम्मीदवारों को बहाल किया जाएगा। कोर्ट ने राज्य सरकार के इस निर्णय को रद्द करते हुए बीएड डिग्रीधारियों को भी शामिल कर मेरिट लिस्ट बना बहाली का निर्देश दिया। पंचायत, प्रखंड सहित विभिन्न नियोजन इकाइयों के माध्यम से 71 हजार प्रारंभिक स्कूलों में 90763 शिक्षकों की बहाली होनी है। एक से पांच तक की कक्षा के लिए 63951 शिक्षक बहाल होंगे। बहाली प्रक्रिया जुलाई 2019 से शुरू हुई थी। कोर्ट में मामला होने से नियुक्ति प्रक्रिया बाधित थी। कक्षा 6 से 8 तक 26811 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है।