
एग्जिट पोल में महागठबंधन को बहुमत के अनुमान के बाद अब राजद-कांग्रेस को डर है कि कहीं उनका बहुमत चोरी न हो जाए। इससे बचने के लिए कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस के इलेक्शन मैनेजमेंट प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, बिहार प्रभारी सचिव वीरेन्द्र राठौर को बिहार भेज दिया है। वहीं, राजद ने अपने कार्यकर्ताओं को अलर्ट किया है कि वे स्ट्रांग रूम के पास मुस्तैद रहंे। भ्रष्ट अफसर ईवीएम में फेरबदल की कोशिश कर सकते हैं। दरअसल कांग्रेस काे डर है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधायकों के टूटने जैसी घटना बिहार में भी न हो जाए। इसी को रोकने के लिए सुरजेवाला और राठौर के बाद अब छानबीन कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे, कर्नाटक से सांसद नासिर हुसैन, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, राजस्थान के गृह मंत्री राजेंद्र यादव और राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा भी सोमवार को पटना पहुंचेंगे। कांग्रेस हाईकमान ने रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडे को आब्जर्रवर बनाया है। साथ ही छानबीन कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे को एमएलए मैनेजमेंट संभालने की जिम्मेदारी भी दी गई है। पार्टी के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस मध्यप्रदेश और राजस्थान के अपने पुराने अनुभवों को देखते हुए बिहार चुनाव के बाद फिलहाल कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। पार्टी हाईकमान चुनाव नतीजों से पहले ही हाई अलर्ट मोड पर आ गई है।
सुरजेवाला बोले… महागठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलना तय है
रणदीप ने महागठबंधन सरकार बनने पर डिप्टी सीएम पद के सवाल पर कहा-महागठबंधन के खाते में 150 से ज्यादा सीटें आएंगी। नतीजे का इंतजार है। राजद, कांग्रेस और वामदलों का महागठबंधन सत्ता के लिए नहीं, व्यवस्था परिवर्तन के लिए लड़ा है। जनता ने बदलाव के लिए वोट डाला है। मतगणना के बाद ही असली निर्णय होगा। जनता का निर्णय अभी ईवीएम में बंद है। यह सही है कि बिहार में कहीं न कहीं युवाओं की आकांक्षा पीछे खो गई थी।

यहां चूहा भी बांध तोड़ देता है, स्ट्रांग रूम में सतर्क रहें कार्यकर्ता
दूसरी ओर, राजद के कोषाध्यक्ष और एमएलसी सुनील सिंह ने पार्टी के सभी उम्मीदवारों और समर्पित कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि एग्जिट पोल के मद्देनजर सरकार के कुछेक भ्रष्ट पदाधिकारी स्ट्रांग रूम में रखे हुए ईवीएम में फेरबदल करने की कोशिश कर सकते हैं। आप पूर्व से जानते ही है कि बिहार का चूहा भी बड़ा खतरनाक है जिसके ऊपर तटबंधों को तोड़ने से लेकर थाना में रखे शराब पीने का आरोप लग चुका है। अतः स्ट्रांग रूम में आदमी की कौन कहे चूहा भी नहीं घुसने देना है।
संभावना : अच्छी स्थिति में डिप्टी सीएम पद पर कांग्रेस की होगी नजर
बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के मद्देनजर कांग्रेस सरकार बनाने की रणनीति में जुट गई है। आलाकमान ने बिहार चुनाव से जुड़े एआईसीसी के नेताओं को पटना भेज दिया है। मध्यप्रदेश, राजस्थान वाली घटना भाजपा बिहार में न दोहराये, इसके लिये पूरी तरह से चाक-चौबंद व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। वैसे तो पार्टी मान रही है कि महागठबंधन को बिहार में पूर्ण बहुमत मिलना तय है। पर अगर एनडीए और महागठबंधन के बीच मामला बराबरी का रहा और विधायकों की खरीद फरोख्त की नौबत आयी तो कांग्रेस के ये आला नेता कड़ी मैनेजमेंट करेंगे। सहयोगी दलों से पूरी तालमेल के साथ समन्वय कर महागठबंधन सरकार बनाने की कवायद करेंगे। 25 दिन बिहार में रहने के बाद सुरजेवाला दो दिन पहले दिल्ली लौटे थे। संभावना यह भी है कि बिहार में यदि महागठबंधन की सरकार बनती है तो कांग्रेस की नजर उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी रहेगी।
इधर, रविवार दोपहर तक सदाकत आश्रम में इक्का-दुक्का नेताओं की गाड़ी थी पर रणदीप सुरजेवाला, वीरेन्द्र राठौर, वरीय नेता राजेन्द्र यादव, काजी निजामुद्दीन के पहुंचते ही गाड़ियों की लाइन लग गई।सुरजेवाला पहुंचे, कर्नाटक, राजस्थान और झारखंड से भी नेता आज पहुंचेंगे ….कांग्रेस : रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडे अाब्जर्वर बनाए गएराजद : एमएलसी सुनील सिंह ने कहा हाई अलर्ट पर रहें सभी कार्यकर्ता…ताकि ना हो चूक एमपी और राजस्थान जैसा घटनाक्रम रोकने के लिए कांग्रेस अलर्ट…रिकॉल… एमपी और राजस्थान में बगावत झेल चुकी है पार्टी…राजस्थान में जुलाई में कांग्रेस के 19 विधायकों को लेकर सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था। महीने भर गहलोत और पायलट विधायकों को लेकर बाड़ाबंदी में थे। एमपी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में 6 महीने पहले 22 विधायक टूट कर भाजपा में चले गए थे। इस बगावत के बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार चली गई थी।