मधेपुरा जिलाधिकारी के एक गोपनीय आदेश को लेकर बवाल मच गया है। छठ पर्व को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय से निकले जिला संयुक्त आदेश में छठ व्रत के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा व्यवधान उत्पन्न पैदा करने की आशंका जताई गई है। इस पत्र को लेकर बवाल मचा हुआ है। राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने इसको लेकर घोर आपत्ति जताई है।
मुस्लिम समुदाय द्वारा तनाव उत्पन्न किए जाने की बात
मधेपुरा जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी जिला संयुक्त आदेश में कहा गया है कि छठ पर्व के अवसर पर पूरे जिले में सांप्रदायिक दृष्टिकोण से पूर्व से संवेदनशील स्थलों तथा वैसे स्थल जहां हिंदू मुस्लिम की मिश्रित आबादी है, वहां शांति व्यवस्था, सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने तथा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने हेतु प्रशासनिक सतर्कता अपेक्षित है। जिलाधिकारी के पत्र में यह भी कहा गया है छठ घाट तक व्रतियों के आने जाने वाले मार्ग में पड़ने वाले मोहल्लों में, विशेषकर मुस्लिम मोहल्लों में विशेषकर नाली का पानी गिराए जाने के कारण तनाव उत्पन्न होता है। कभी-कभी छठ घाट पर बहुत अधिक भीड़ में घाट पर बनाए गए कोशी के टूट जाने के कारण भी समस्या उत्पन्न होती है।
मुस्लिम समुदाय के शरारती तत्वों द्वारा छठ व्रतियों के परिजनों तथा उनके साथ की महिलाओं के साथ छेड़खानी किए जाने पर तनाव उत्पन्न होता है। छठ व्रतियों तथा उनके परिजनों पर छींटाकशी के कारण भी विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है। डीएम ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि छठ पर्व शुद्धता एवं स्वच्छता का पर्व होता है। छठ व्रतियों के आने जाने वाले मार्गों तथा घाटों पर सफाई की जाती है। कतिपय शरारती तत्वों के द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के उद्देश्य से जानबूझकर छठ घाटों, नदियों, तालाबों आदि पर मृत पशुओं के अवशेष फेंके जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस दृष्टिकोण से विशेष सतर्कता अपेक्षित है।
आदरणीय @NitishKumar ji ! आपसे आग्रह है कि कृपया मधेपुरा जिलाधिकारी के इस आदेश के चिन्हित पंक्तियों को पढ़ें और तय करें कि क्या इस प्रकार के पूर्वाग्रह और विद्वेष से भरे आदेश से सामाजिक तानाबाना नहीं टूटता है? @News18Bihar @ZeeBiharNews @kashishnewstv pic.twitter.com/b9I3yK84KQ
— Manoj K Jha (@manojkjhadu) November 1, 2019
सांसद मनोज झा ने साधा निशाना
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है । उन्होंने कहा कि इस प्रकार की मानसिकता वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने कहा कि छठ पर सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक रहा है तथा मुस्लिम समुदाय द्वारा कभी भी इस तरह की घटना को अंजाम दिए जाने की परंपरा नहीं रही है फिर भी इस तरह का पत्र जारी करना अधिकारियों की मानसिक स्थिति को दर्शाता है ।
वही भाई बिरेन्द्र ने भी सरकार से मांग की है कि इस जिलाधिकारी को जल्द से जल्द हटाया जाय ।