क्या लॉकडाउन सिर्फ आम लोगों के लिए है। बिहार में यही देखने को मिल रहा है। कभी विधायक अपने रसूख से पास जारी कर दूसरे राज्य ये अपने बच्चे को ले आ रहे हैं तो कभी कर्मचारी अपने कोरोना पॉजिटिव रिश्तेदार को दूसरे जिले से ला रहे हैं।
ताजा मामला पूर्व मुख्यमंत्री से जुड़ा है जिनके काफिले में शामिल सात गाड़ियों ने नालंदा से गुजरते हुए हूटर बजाकर वीआइपी मूवमेंट का अहसास कराया। जब डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी आइजी (सुरक्षा) देंगे। हालांकि आइजी सुरक्षा से सम्पर्क नहीं हो सका।
बुधवार को दिन में 11 बजे के करीब जिले के एकंगरसराय बाजार में एकाएक हूटर की आवाज गूंजने लगी। लोग अनहोनी की आशंका समझ अपनी-अपनी छतों पर आ गए। देखा तो पता चला कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का काफिला गुजर रहा है। काफिले में सात गाड़ियां थीं। जिसमें कई सुरक्षाकर्मी व अन्य लोग सवार थे।
पूर्व मुख्यमंत्री बिहार विधानसभा पुस्तकालय समिति के सभापति हैं। बुधवार को पटना में समिति की बैठक आहूत की गई थी, जिसमें उनकी उपस्थिति आवश्यक थी। इस वजह से मांझी गया से पटना आए थे। दानिश रिजवान, हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता
पार्टी के लोगों से पता चला कि पूर्व मुख्यमंत्री एकंगरसराय से पटना जा रहे हैं। काफिले में पुलिस एस्कार्ट के साथ निजी गाड़ियां भी थीं। सभी गाड़ियों में चार से अधिक लोग बैठे नजर आए। कार में तीन लोगों से अधिक के बैठने की मनाही का भी यह खुला उल्लंघन है। पता चला कि वे अपने पैतृक गांव महकार (गया) से इस्लामपुर व एकंगरसराय होते हुए पटना जा रहे थे।
बता दें कि राजस्थान के कोटा से अपनी संतान को नवादा लाने के मामले में आलोचना ङोल रहे भाजपा विधायक अनिल सिंह के बाद जिले में इस तरह का दूसरा मामला है।