देश में जब से लॉकडाउन लगा है बिहार के लोग कई राज्यों में फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार ये कह रहे हैं कि जो जहां हैं उन्हें वहीं रहना चाहिए। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जब कोटा से छात्रों को लाने के लिए बसें भेजीं तो नीतीश ने इसे लॉकडाउन के ख़िलाफ़ बताया।
बिहार में जेडीयू और बीजेपी गठबंधन की सरकार है। इस बीच बीजेपी के विधायक ने नीतीश की बातों को अनसुना कर दिया। बीजेपी विधायक अनिल सिंह अपनी बेटी को कोटा से घर ले आए। अनिल सिंह को नवादा जिल प्रशासन ने पास जारी किया था।
बीजेपी विधायक को पास जारी किए जाने के बाद विपक्ष नीतीश पर निशाना साध रहा है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया,
बिहार CM यूपी CM को कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फँसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसों को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। दूसरी तरफ़ अपने MLA को गोपनीय तरीक़े से उनके बेटे को वापस लाने की अनुमति दे रहे थे।बिहार में ऐसे अनेकों VIP और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए। फँसे बेचारा ग़रीब.. pic.twitter.com/mCNHZpRRVM
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 19, 2020
कभी नीतीश के करीबी रहे प्रशांत किशोर ने भी हमला बोला। ट्वीट किया,
कोटा में फँसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को @NitishKumar ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना #lockdown की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा।
अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है? pic.twitter.com/mGy9v0MHQS
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 19, 2020
वहीं इस मामले में बीजेपी विधायक ने अपनी बात रखी। न्यूज चैनल ABP से बातचीत में उन्होंने कहा,
बहुत सारे बच्चे बिहार में आए हैं। ऐसा नहीं है कि हम लोगों ने अपने बच्चों को लाया। बेटी ने कहा कि पापाजी हम जिस हॉस्टल में हैं वो खाली हो गया है। अकेला रहना पड़ता है। इसके बाद मैंने जिला अधिकारी से बात की और प्रकिया पूछी। उन्होंने बताया कि आपको पास के लिए आवेदन करना पड़ेगा। हम लोग पास जारी करेंगे। पास जारी होने के बाद मैं 16 को गया और 17 की रात पहुंचा। 18 को वहां से मॉर्निंग में चल दिया। मैंने सरकार की प्रक्रिया का पालन किया।
उन्होंने आगे कहा,
हमलोग पांच-छह लोग थे। एहतियात के तौर पर मैंने थर्मल स्कैनर लिया था। एक जनप्रतिनिधि के नाते मेरी जिम्मेदारी है, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं पिता हूं। बार-बार बेटी का कॉल आने पर मैंने प्रक्रिया का पालन किया और बेटी को ले आया।
नवादा ज़िला प्रशासन ने 15 तारीख़ को पास जारी किया था। उस दौरान सैकड़ों छात्र बिहार सीमा में प्रवेश कर रहे थे, तब उन्हें रोका गया था। बाद में मुख्यमंत्री ने उन्हें घर जाने की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि उन्हें होम क्वॉरंटीन में रखा जाएगा।