बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) की सुगबगाहट के साथ ही सीटों की दावेदारी भी शुरू हो गई है. एनडीए में बगावती रुख रखने वाली लोजपा (LJP) ने सबसे पहले विधानसभा सीटों को लेकर दावेदारी ठोक दी है. लोजपा ने ओपन प्लेटफॉर्म पर 42 सीटों की मांग एनडीए के दलों के सामने रख दी है. जबकि इस दावेदारी से एनडीए के भीतर गहमागहमी बढ़ गई है. इस मुद्दे पर भाजपा (BJP)और जेडीयू ने भी अपनी बात रखी है.
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. राजनीतिक पार्टियां सीटों पर अपनी दावेदारी ठोकने लगी हैं. एनडीए (NDA) में सबसे पहले लोजपा ने सीटों को लेकर अपनी दावेदारी पेश करते हुए 42 सीटों पर दावा ठोक दिया है.
लोजपा के प्रवक्ता संजय सिंह ने दावेदारी ठोकते हुए कहा है कि हमारी सीट में कमी का सवाल कहां है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हमें पहले ही आश्वस्त कर दिया है की जितनी सीटों पर हमने 2015 में चुनाव लड़ा था उतने पर हीं लड़ेंगे. संजय सिंह ने गठबंधन में सीटों के गणित को समझाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में लोजपा और भाजपा का स्ट्राइक रेट सौ फीसदी रहा था लेकिन जेडीयू एक सीट हारी थी. इस आधार पर लोजपा को 42, भाजपा को 105 और जेडीयू को 96 सीटें मिलनी चाहिए.
42 सीटों की दावेदारी पर भाजपा और जेडीयू असहज हो गई हैं. भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि बतासा के लिए कोई मंदिर नहीं तोड़ेगा. सभी पार्टियों की अधिक से अधिक सीटों पर लड़ने की इच्छा होती है. एनडीए के साथ चुनाव लड़ना जीत की गारंटी है और समय आने पर कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा ये तय कर लिया जाएगा. वहीं, जेडीयू ने भी भाजपा के सुर में सुर मिलाया है. जेडीयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि एनडीए में किसी से किसी को विवाद नहीं है. चुनाव के वक्त हर कोई अपनी बात रखता है. लोजपा के जो मामले हैं उसका निराकरण किया जाएगा.