केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का कल शाम 8 बजकर 40 मिनट पर निधन हो गया. वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली. पासवान के निधन पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट किया है कि आज 45 सालों का अटूट रिश्ता टूट गया.
लालू यादव ने ट्विटर पर लिखा, ‘राम विलास भाई के असामयिक निधन का दुखद समाचार सुन बहुत मर्माहत हूं. पिछले 45 सालों का अटूट रिश्ता और उनके साथ लड़ी तमाम सामाजिक, राजनीतिक लड़ाइयां आंखों में तैर रही हैं. आप जल्दी चले गए राम विलास भाई, अभी इससे ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं.’
लालू यादव और राम विलास पासवान का लंबा राजनीतिक साथ रहा है. कभी साथ तो कभी एक दूसरे के खिलाफ. बिहार की राजनीति के तीन सबसे अहम चेहरों में से एक राम विलास पासवान के जाने से बिहार की राजनीति का एक अहम किरदार गायब हो गया है. लालू यादव, नीतीश कुमार और राम विलास पासवान बिहार की राजनीति के पिछले तीन दशक से धुरी रहे हैं.
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा, ‘ भगवान से यहीं प्राथना करती हूं ईश्वर उनको अपने चरणों में जगह दे. पूरे बिहार की राजनीति में क्षति हुई है. पूरी हमारी पार्टी इससे दुखी है. पूरे परिवार, पूरी पार्टी को दुख हुआ है. आज हमलोग अपने घर में खाना भी नहीं बना सकते. शुरू का साथ था. 1977 में साथ ही दिल्ली गए थे। शुरू से एक दूसरे के यहां आना जाना था. आज बहुत दुख का दिन है’.
तेजस्वी यादव ने कहा, ‘आदरणीय लालू जी हमेशा उनकी सेहत के लिए चिंतित रहते थे. चिराग पासवान जो हमारे बड़े भाई हैं, आज जब उनको सबसे ज्यादा जरूरत थी पिता की तब वो चले गए. हमारा पूरा परिवार उनके साथ खड़ा है’.