बिहार में विधान सभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। बीजेपी बिहार लोगों को फर्क का अहसास कराने में जुटी है।बीजेपी नेता यह बताने में जुटे हैं कि नीतीश सरकार और लालू-राबड़ी की सरकार में बड़ा फर्क है। पार्टी के नेता फर्क बड़ा साफ है को लेकर अपनी बात रख रहे हैं।हर दिन पार्टी के एक नेता बिहारवासियों से फर्क का अहसास करा रहे हैं। बुधवार को श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि तब की सरकार और वर्तमान सरकार में फर्क बड़ा साफ है.
पलायन रोका नहीं जा सकता
बिहार के शर्म संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बिहार से मजदूरों के पलायन रोकने पर हाथ खड़े कर लिये।उन्होंने कहा कि पलायन को रोका नहीं जा सकता।जिनको जहां बेहतर काम मिलेगा वहां जायेंगे।हमलोगों ने कोरोना काल में रोजगार के अवसर सृजित किये हैं ।लाखो श्रमिक कोरोना संकट में बिहार आए लेकिन जैसे ही संकट कम हुआ फिर वे लोग वापस लौट रहे।बड़ी संख्या में श्रमिकों ने दिल्ली-मुंबई में मकान भी बना लिए हैं।ऐसे में वे बिहार में नहीं रह सकते।वैसे भी अगर किसी को बिहार में 10 हजार मिलता है और दिल्ली-मुंबई में 20 हजार रू मिलेगा तो जायेंगे ही।सरकार उनको रोक नहीं सकती है।आज बेहतर ऑप्सन के लिए पलायन कर रहे हैं उसको सरकार रोक नहीं सकती है। मंत्री ने पयान के पीछे भी तर्क खोज लिया और कहा कि पहले के राज में भय से पलायन होता था और आज बेहतर ऑप्शन के लिए पलायन हो रहा यही फर्क है।
दरअसल बिहार बीजेपी की तरफ से हर दिन मीडिया को संबोधित किया जा रहा है।बीजेपी के नेता एक ही लाइन पर बोल रहे हैं.नेताओं को बोलने के लिए लाइन तय की गई है। लाइन दिया गया है-फर्क बड़ा साफ है….।इसी लाइन पर हर दिन बिहार बीजेपी के सभी नेताओं को बोलना है।
मंत्री विजय सिन्हा बोले- तब और अब में फर्क बड़ा साफ है
बुधवार को बिहार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बीजेपी दफ्तर में तब और अब में फर्क गिनाया।मंत्री ने कहा कि लालू-राबड़ी की सरकार में बेरोजगाों के लिए कोई काम नहीं किए गए।लेकिन आज बिहार के युवाओं को हुनरमंद बनाने को लेकर कई योजनाएं शुरू की गई हैं।मजदूरों और कामगारों को कई तरह के लाभ दिए जा रहे हैं।श्रम संसाधन मंत्री ने कहा कि तब के शासनकाल में बिहार में सिर्फ 29 आईटीआई संचालित थी।लेकिन आज की सरकार ने पिछले 15सालों में 120 नए आईटीआई संस्थान स्थापित किए।आज बिहार में सरकारी क्षेत्र में 149 आईटीआई संस्थान हैं।वहीं पहले निजी के क्षेत्र में सिर्फ 50 आईटीआई जबकि आज 1200 से अधिक आईटीआई संस्थान संचालित हैं।ऐसे में तब और अब में फर्क बड़ा साफ है।