बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है। कुल 243 सीटों में से जदयू सबसे ज्यादा 104 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। भाजपा 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चिराग पासवान की लोजपा 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। सूत्रों के मुताबिक, सीट शेयरिंग का यह फॉर्मूला लगभग तय है। इसमें एक-दो सीटों में फेरबदल हो सकता है। हाल ही में एनडीए का हिस्सा बनी जीतनराम मांझी की पार्टी 4 सीट पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, अब तक महागठबंधन का हिस्सा रहे उपेंद्र कुशवाहा भी वापस एनडीए में लौट आए हैं। उनकी पार्टी विधानसभा की 5 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर होने वाले उप-चुनाव में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़ सकते हैं। ये सीट जदयू सांसद वैद्यनाथ प्रसाद महतो के निधन की वजह से खाली हुई है। रालोसपा पहले भी एनडीए का हिस्सा थी। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के साथ चली गई थी। नीतीश के एनडीए से अलग होने के बाद रालोसपा एनडीए का हिस्सा बनी थी। इस बार रालोसपा को एनडीए में लाने वाले नीतीश बने हैं। बीती रात उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार की लंबी मुलाकात हुई। इसके बाद ही रालोसपा के एनडीए में शामिल होने की बात पक्की हुई।
इधर भाजपा नेताओं ने बताया कि लोजपा को एनडीए में बनाए रखने के लिए भाजपा ने अपने कोटे की कुछ सीटें दी हैं। कृषि बिल के विरोध में शिरोमणि अकाली दल शनिवार को ही एनडीए से अलग हुआ है। भाजपा नहीं चाहती कि अब उसका कोई और सहयोगी एनडीए से अलग हो इसलिए उसने चिराग पासवान को मनाने के लिए अपने हिस्से की कुछ सीटें उन्हें दी।