बिहार में जारी चुनावी घमासन के बीच विरोधी दलों के नेताओं के साथ ही सहयोगी दल के नेताओं को भी अपने पाले में करने का सिलसिला जारी है. इसके तहत सीएम नीतीश कुमार ने अपने 1 अणे मार्ग स्थित आवास पर पूर्व विधान पार्षद और भाजपा नेता अनुज कुमार सिंह को JDU की सदस्यता दिलाई. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ सिंह और कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशौक चौधरी भी मोजूद थे. प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने अनुज कुमार सिंह को पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष का दायित्व सौंपा है. वहीं, सीएम के समक्ष जदयू की सदस्यता ग्रहण करने के बाद अऩुज सिंह ने पार्टी के निर्देश पर चुनाव में भरपूर मेहनत करने की बात कही है. गौरतलब है कि अनुज सिंह पहले जदयू से ही विधान पार्षद थे.
बाद में लालू यादव के साथ जदयू का गठबंधन होने पर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली थी और इस बार वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए काफी प्रयास किया था. वहां से पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंह को दोबारा टिकट मिलने के बाद से वह पार्टी के नेताओं से नाराज चल रहे थे और अंत में उन्होंने फिर से नीतीश कुमार का दामन थामा है. पूर्व एमएलसी अनुज कुमार सिंह गया जिला के नक्सल प्रभावित इमामगंज क्षेत्र के रहने वाले हैं. वो जिला परिषद में उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह शुरुआती दौर में उदयनारायण चौधरी के खास माने जाते थे, पर इस समय सीएम नीतीश कुमार ने उदयनारायण चौधरी के खिलाफ चुनाव मैदान में खड़े पूर्व सीएम जीतनराम मांझी को चुनाव जीतने में मदद करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि इस चुनावी मौसम में राजद के कई विधायक को अपनी पार्टी में शामिल करके जदयू इस बार चुनाव लड़वा रही है.
इन विधायकों की वजह से जदयू और भाजपा को सीट बंटवारे के दौरान परेशानी भी आयी थी. उपेन्द्र कुशवाहा के महागठबंधन से अलग होने के बाद तेजस्वी यादव ने रालोसपा के कई नेताओं और बसपा के प्रदेश अध्यक्ष को राजद में शामिल करा लिया था. इस बार नीतीश कुमार ने अपने ही मुख्य सहयोगी भाजपा के एक नेता को अपनी पार्टी में शामिल करके प्रदेश उपाध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी दी है.