इस वक्त की बड़ी खबर सारण से आ रही है। यहां जदयू नेता कामेश्वर सिंह के पेट्रोल पंप पर विजिलेंस की छापेमारी की जा रही है। विजिलेंस की टीम द्वारा एकाएक कार्रवाई को लेकर जदयू नेता ने बीजेपी सांसद पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्हें पता है कि यह कार्रवाई क्यों और किसके कहने पर कराई जा रही है। वह इन सब चीजों से पीछे हटने वाले नहीं है।
इस छापेमारी के मामले में जदयू नेता कामेश्वर सिंह ने सीधे तौर पर सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है। यह पूरा प्रकरण दरअसल 6 सितंबर का है। जब कामेश्वर सिंह की स्कॉर्पियो चोरी हो गई थी। इसको लेकर उन्होनें कहा कि उनकी गाड़ी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल होने के लिए गई थी। जदयू नेता की गाड़ी को बीजेपी के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के बेटे ने मंगाई थी।
पुलिस की जांच में सांसद के बेटे का आया नाम
जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि बीजेपी सांसद के बेटे इस गाड़ी की सवारी कर रहे हैं। जांच जैसे ही आगे बढ़ी तो यह भी खुलासा हुआ कि यह गाड़ी बिहार में नहीं बल्कि कर्नाटक में है। पुलिस ने जब लोकेशन खंगाला तो पता चला कि बेंगलुरु के जयनगर थाना क्षेत्र के राजाजी नगर में चोरी गई स्कॉर्पियो है। यह गाड़ी जेडीयू नेता कामेश्वर सिंह के बेटे संजय सिंह के नाम से है। जब गाड़ी के कर्नाटक में होने की सूचना मिली तो संजय भी खुद मशरक पुलिस के साथ से गाड़ी लेने गए। मशरक पुलिस जब विजयनगर थाना क्षेत्र के राजाजी नगर पहुंची तो स्कॉर्पियो गाड़ी डॉ सचिन कुंद्रा की एजेंसी से लावारिस हालत में मिली। पुलिस और संजय सिंह वहां से गाड़ी बरामद कर वापस छपरा लौट गए। गाड़ी अभी भी मशरक थाने में ही पड़ी हुई है।
सांसद ने कहा- साजिश के तहत लग रहे झूठे आरोप
इस बीच सांसद सीग्रीवाल से उनके बेटे पर लगे आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि उनका बेटा बेंगलुरु में नहीं मैसूर में मेडिकल की पढ़ाई करता है। हालांकि उन्होंने इस बात को जरुर माना है कि चुनाव प्रचार के दौरान पिछले साल 17 अगस्त को कामेश्वर सिंह ने गाड़ी दी थी और अब साजिश के तहत बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है। चर्चा यह भी है कि जेडीयू नेता के पास गाड़ी वापस लौटाने की बजाय कर्नाटक भेज दी गयी। गाड़ी के मामले में दोनों नेताओं के बीच की आंतरिक बातों की भी पुलिस छानबीन में जुटी है।