किसानों के समर्थन में मंगलवार को देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. 8 दिसंबर को बुलाये गए भारत बंद में तमाम राजनीतिक पार्टियां भी सड़क पर दिखीं. भारत बंद का असर पूरे बिहार में देखने को मिला. पटना में जाप सुप्रीमो पप्पू यादव, कांग्रेस के बड़े नेता और वामदल के भी कई नेता सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करते दिखे लेकिन आश्चर्य की बात है कि बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भारत बंद में कहीं भी नहीं दिखे.
कहीं भी नहीं दिखे तेजस्वी –
सोमवार को ही बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि “किसान के बच्चे ही सीमा पर देश की रक्षा करते है और किसान के अन्न से ही देश का पेट भरता है. अगर किसान के बेटे जवान और किसान स्वयं झुक गए तो देश झुक जाएगा. हम हर संघर्ष में दृढ़ता के साथ अन्नदाताओं संग कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है. धनदाताओं के पिछलग्गूओं बिना अन्न क्या धन खाओगे ?” मंगलवार को होने वाले भारत बंद को लेकर ही तेजस्वी ने ऐसा कहा लेकिन उन्होंने खुद ही इस बड़े आंदोलन से दुरी बना ली.
MSP को अनिवार्य रूप से लागू करने की मांग
शनिवार को तेजस्वी ने किसानों के समर्थन में पटना गांधी मैदान के पास प्रदर्शन किया था. उन्होंने पूछा था कि अगर नए कृषि विधेयक किसानों के पक्ष में है तो सरकार MSP को अनिवार्य रूप से लागू क्यों नहीं करती ? हम पूर्णत: किसानों के साथ खड़े है, आगे भी रहेंगे. किसानों को फसल का उचित दाम और न्याय दिलाने के लिए कल सुबह 10 बजे से गाँधी मैदान, पटना में गांधी मूर्ति के सामने संकल्प लेंगे.
सरकार मुझे फांसी पर लटका दे – तेजस्वी
तेजस्वी के इस प्रदर्शन में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर एफआईआर भी किया गया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष समेत उनकी पार्टी के कई विधायकों के खिलाफ भी पत्नजिला प्रशासन ने एक्शन लिया और प्राथमिकी दर्ज कराई. प्रशासन की इस कार्रवाई पर तेजस्वी ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि “किसानों के लिए अगर सरकार मुझे फांसी पर लटका देगी तो मंजूर होगा.”