बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में जनता दरबार में लोगों की शिकायतें सुन रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण समेत कई विभागों से जुड़ी समस्याओं को सुन रहे हैं। जनता दरबार में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे एक शख्स ने मुख्यमंत्री से कहा कि उसके बेटे और बेटी, दोनों एकसाथ डूबकर मर गए। उसने आवेदन किया लेकिन सहायता राशि देने के एवज में अधिकारी उससे एक लाख रुपये मांग रहे हैं।
युवक की शिकायत सुनते ही मुख्यमंत्री बिफर पड़े और उन्होंने तत्काल आपदा विभाग के अधिकारी के पास पीड़ित को भेज दिया। मुख्यमंत्री ने पीड़ित शख्स से कहा कि जिसने भी तुमसे एक लाख रुपये की मांग की है। उसकी पूरी डिटेल बताओ। कौन है और उसका नाम क्या है। तत्काल उसपर कार्रवाई की जाएगी। एक्शन के साथ-साथ उसपर एफआईआर दर्ज की जाएगी। गौरतलब हो कि बिहार के मुख्यमंत्री लगातार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का दावा करते हैं। लेकिन रिश्वतखोरी के मामले लगातार प्रदेश के कई हिस्सों से सामने आते ही रहते हैं।
जनता दरबार में भागलपुर से आई एक बच्ची ने बताया कि उसने 2016 में मैट्रिक परीक्षा पास की थी, बावजूद उसे मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना की राशि अब तक नहीं मिली है। इसे सुनकर सीएम चौंक गए। इसके बाद भी इस तरह के कई मामले आए। एक युवक ने 2017 में परीक्षा पास करने पर भी अब तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने की बात कही।
वहीं, जनता दरबार में आये एक छात्र ने मुख्यमंत्री से बीएड के छात्रों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से संबंधित सवाल पूछा। छात्र ने मुख्यमंत्री से पूछा कि पॉलिटेक्निक या डिप्लोमा के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लागू है लेकिन बिहार में बीए़ड के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड क्यों नहीं हैं। इसके जवाब में सीएम ने कहा कि यह तय किया हुआ है कि किसको किसको मिलना है।
मुख्यमंत्री के इस जवाब से असंतुष्ट उस छात्र ने कहा कि क्या आपको शंका है कि बिहार बीएड वालों को आप नौकरी नहीं दे पायेंगे। इसलिए वे बिल नहीं चुका पायेंगे। क्या इसी वजह से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड नहीं दे पा रहे हैं? आपको शंका है? सीएम ने हालांकि कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी बात नहीं हैं। सात निश्तय में तय हुआ है। इसके बाद सीएम ने शिक्षा विभाग के अधिकारी के पास उस छात्र को भेज दिया।