बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बूथों की आेर पोलिंग पार्टियों को रवाना किया जा रहा है। बुधवार को 71 सीटों पर मतदान होना है। कुल 1066 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 114 महिला और 952 पुरुष हैं। आठ मंत्रियों की किस्मत का फैसला होना है। सोमवार की शाम प्रचार पर विराम लग गया। 28 अक्टूबर को सुबह आठ बजे से मतदान प्रारंभ हो जाएगा। 28 से धारा 144 भी लागू रहेगी। सभी क्षेत्रों में दिनांक 26 से 28 अक्टूबर के 04:00 बजे अपराह्न तक राजनीतिक प्रकृति के बल्क एसएमएस भेजने पर प्रेषण प्रतिबंध लगाया गया है।
गया जिले के सभी 10 विधानसभा सीटों पर 28 अक्टूबर को मतदान कराया जाएगा। शांतिपूर्ण मतदान के लिए जिले में 4430 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इन सभी बूथों पर सुबह 7 बजे से मतदान का कार्य शुरू होगा। मतदान कराने के लिए मंगलवार को गया जिला मुख्यालय से सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान दल के कर्मी अपने-अपने बूथों के लिए निकल गए। पीसीसीपी की देखरेख में ईवीएम और वीवीपैट को भेजा गया है। इस बार गया जिले में चुनाव के लिए 200 पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियां तैनात की गई है। इसके साथ ही बुधवार को होने वाले चुनाव में 172 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा। चुनाव को लेकर एक और जहां मतदाताओं में उत्साह है वहीं जिला प्रशासन और सुरक्षा बल भी हर तरह की मुस्तैदी बरत रही है।
प्रथम चरण में आठ मंत्री मैदान में हैं। गया जिले की इमामगंज सीट पर दो बड़े प्रोफाइल के नेता आमने-सामने हैं। राजद की ओर से पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) प्रमुख जीतन राम मांझी के बीच कांटे का मुकाबला है। इस दौर में जिन आठ मंत्रियों की किस्मत तय होगी, उनमें भाजपा नेता एवं बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, जदयू नेता एवं शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा भी शामिल हैं। अन्य मंत्रियों में जय कुमार सिंह, विजय कुमार सिन्हा, शैलेश कुमार, संतोष कुमार निराला, रामनारायण मंडल एवं बृजकिशोर बिंद हैं। बिहार में राजग से अलग हटकर चुनाव लड़ रही लोजपा के कई प्रमुख प्रत्याशियों की भी इसी दौर में परीक्षा होनी है। सबसे महत्वपूर्ण सीट दिनारा को माना जा रहा है, जहां से बिहार भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह दल बदलकर लोजपा के सिंबल पर भाग्य आजमा रहे हैं। उनके सामने राज्य सरकार के मंत्री एवं जदयू के वरिष्ठ नेता जयकुमार सिंह हैं। सासाराम से भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री रामेश्वर चौरसिया को भी लोजपा ने टिकट थमा दिया है। पालीगंज सीट से लोजपा के टिकट पर लड़ रही पूर्व विधायक एवं भाजपा की पूर्व प्रदेश प्रवक्ता उषा विद्यार्थी को भी खुद को साबित और सत्यापित करना है। सासाराम में चौरसिया का मुकाबला जदयू के अशोक सिंह से है, जबकि पालीगंज में उषा का मुकाबला जदयू के राजदवद्र्धन यादव से है।
कोरोना महामारी के दौरान देश में यह पहला आम चुनाव है। इसलिए पूरे देश की निगाहें लगी हैं। पहले चरण में 31 हजार 380 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। दो करोड़ 14 लाख से भी अधिक मतदाता अपने अधिकार का इस्तेमाल करेंगे। संक्रमण के खतरे को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने रैली, रोड शो और जनसंपर्क पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसको ध्यान में रखते हुए प्रारंभ में सभी राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव प्रचार के दौरान अधिकतर सभाएं ऑनलाइन की गईं। हालांकि बाद में आयोग की गाइडलाइन के हिसाब से कुछ सभाएं खुले मैदान में भी होने लगीं। कई जगह से शिकायतें मिलीं कि आयोग के दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं हो पाया। इसके चलते कई दल के नेता संक्रमित भी हुए। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं डिप्टी सीएम सुशील मोदी, चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडऩवीस, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सांसद राजीव प्रताप रुडी, राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन शामिल हैं।