पिछले 5 दिनों से जिसे पटना फल्ड कहकर मीडिया प्रचारित कर रही है । असल में वो बाढ़ नहीं है वो है हमारे नेताओं के नाकामियत का जीता जागता नमूना । असल में ये बाढ़ हमने बनाया है, हमने नालियों के उपर घर बना रखा है । और उस नाले में अपने घर का सारा कचड़ा डाल दिया है । अब जब मामला सर के उपर आ गया है, तो पानी को तो आना ही है ।
संप हाउस के अधिकारी से लेकर मोटर तक सब फैल है । पानी पिलाने वाले टैंकर से नाले का पानी उगाही हो रहा है । और अधिकारी सब मीटिंग सीटिंग में व्यस्त हैं । कुछ लोग इसे आपदा बता रहे हैं और कुछ इसे भगवान की माया । लेकिन हकीकत से सभी मुँह छिपा रहे हैं ।
इस बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी अपने परिवार के साथ सैलाब में फंसे रहे । पटना के राजेंद्र नगर में स्थित अपने घर में परिवार के साथ तीन दिन से फंसे डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया ।
बताया जा रहा है कि बाढ़ के बीच घर में फंसे डिप्टी सीएम के परिवार को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा । इस दौरान उनके घर न पानी था और न बिजली ।
अब डिप्टी सीएम तो बच गए लेकिन पटना में हर कोई इतना किस्मत वाला नहीं कि सरकार उन्हें बचाने आए. बताया जा रहा है कि इस बीच उसी इलाके में अपने घर में फंसीं लोक गायिका शारदा सिन्हा ने भी मदद की गुहार लगाई ।
फनीश्वर नाथ रेणू की पोती भी फंसी हुई है । ऐसे कई लोग फंसे पड़े हुए जो शुशील मोदी जैसी किस्मत वाले नहीं है । एक सोशल मीडिया का पोस्ट देखा…एक ने लिख रखा था कि प्लीज मुझे रेस्कयू कर लों, मैं पैसे देने के लिये भी तैयार हूँ । बंदा हेलिकॉप्टर तक अफोर्ड करने की बात कर रहा था लेकिन फिर भी बेबस सा अपने छत पर टहलता हूआ, फोटो शेयर कर रहा था ।
कल एक रिक्शावाला पानी में फंसा रो रहा था । उनकी रोजी रोटी पानी में कहीं अटक गई थी और वह उस रिकशे को छोड़कर भी जाना नहीं चाह रहा था । यानी कहे तो हालात बद से बदतर है ।
सरकार भले ही इसे भगवान के मत्थे मढ़ दें लेकिन हकीकत यही है कि यह सब उन्ही का किया कराया है ।