बिहार में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जारी है। इससे जुड़ी खबर यह है कि जिन मुखियों पर योजनाओं में गड़बड़ी करने का आरोप है लेकिन अबतक पंचायती राज विभाग की तरफ से उन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है ऐसे मुखिया और पंचायत प्रतिनिधि इस बार का पंचायत चुनाव लड़ पाएंगे। हालांकि रोहतास जिले के चेनारी प्रखंड के 10 मुखिया पर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। इधर पटना में 8 दागी मुखिया पर अब तक पंचायती राज विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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आपको बता दें कि महीने भर से पटना में 8 मुखियों के चुनाव लड़ने को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन पंचायती राज विभाग ने उन्हें अब तक दोषी करार नहीं दिया है लिहाजा चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगायी गयी है। पटना के जिन मुखिया को राहत मिली है उनमें पालीगंज, धनरूआ, पटना सदर, नौबतपुर और बिहटा प्रखंडों के मुखिया शामिल हैं। इन सभी पर आरोप है कि नली गली और जल जीवन हरियाली मद में मिली राशि का दुरुपयोग किया है। ऐसी स्थिति में जिला पंचायत राज पदाधिकारी की अनुशंसा पर डीएम ने पिछले साल इन मुखियों पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा था लेकिन विभाग की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया जा सका।
पंचायती राज विभाग की तरफ से कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में मुखिया जी को राहत मिल गई है। राज्य में ऐसे ही अन्य मामलों में भी दागी मुखिया चुनाव लड़ पाएंगे जिनके खिलाफ पंचायती राज विभाग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें दोषी नहीं करार दिया हो। अगर पंचायती राज विभाग किसी मुखिया या पंचायत प्रतिनिधि को दोषी करार देता है तो वह चुनाव लड़ने से वंचित होंगे।